विराट कोहली ने बुधवार को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने उनसे टी-20 कप्तानी नहीं छोड़ने का अनुरोध नहीं किया था। बीसीसीआई ने विराट कोहली के सनसनीखेज दावे को खारिज कर दिया है। बीसीसीई के एक अधिकारी ने बताया कि बोर्ड ने सितंबर में विराट कोहली से बात की थी और उनसे कप्तानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया था। इसके अलावा विराट को वनडे कप्तानी के मामले में भी लूप में रखा गया था।
विराट के खुलासे के बाद बीसीसीआई के एक अधिकारी ने इंडिया टुडे से कहा,’विराट कोहली यह नहीं कह सकते कि हमने उन्हें लूप में नहीं रखा। हमने सितंबर में विराट से बात की थी और उन्हें टी- 20 कप्तानी नहीं छोड़ने के लिए कहा था। जब विराट ने टी- 20 कप्तानी छोड़ दी, तो सफेद गेंद के 2 कप्तान बनाना मुश्किल था। बैठक की सुबह चेतन शर्मा ने विराट को वनडे कप्तानी के बारे में बताया था।’
विराट ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि आठ दिसंबर को टेस्ट सीरीज के लिए चयन बैठक से डेढ़ घंटा पहले मेरे साथ संपर्क किया गया और इससे पहले टी-20 कप्तानी को लेकर मेरे फैसले की घोषणा के बाद से मेरे साथ कोई संपर्क नहीं किया गया था। मुख्य चयनकर्ता ने टेस्ट टीम पर चर्चा की जिस पर हम दोनों सहमत थे। बात खत्म करने से पहले मुझे बताया गया कि पांच चयनकर्ताओं ने फैसला किया है कि मैं वनडे का कप्तान नहीं रहूंगा जिस पर मैंने कहा ‘ठीक है, कोई बात नहीं।’
गौरतलब है कि गांगुली ने विराट से वनडे कप्तानी वापस लेने के बाद कहा था कि उन्होंने विराट से टी-20 की कप्तानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया था। लेकिन कोहली ने उनकी बात नहीं मानी। कोहली ने बुधवार को कहा कि जब मैंने टी-20 कप्तानी छोड़ी तो मैंने पहले बीसीसीआई से संपर्क किया और उन्हें अपने फैसले के बारे में बताया और उनके (पदाधिकारियों) सामने अपना नजरिया रखा।’ भारतीय कप्तान ने गांगुली के कुछ दिन पहले के बयान से बिलकुल विपरीत जानकारी देते हुए कहा, ‘मैंने कारण बताए कि आखिर क्यों मैं टी-20 कप्तानी छोड़ना चाहता हूं और मेरे नजरिए को अच्छी तरह समझा गया। कुछ गलत नहीं था, कोई हिचक नहीं थी और एक बार भी नहीं कहा गया कि आपको टी-20 कप्तानी नहीं छोड़नी चाहिए।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे कप्तानी छोड़ने के फैसले को बीसीसीआई ने प्रगतिशील और सही दिशा में उठाया गया कदम करार दिया था। उस समय मैंने कहा था कि हां, टेस्ट और वनडे में मैं (कप्तान) बरकरार रहना चाहता हूं जब तक कि पदाधिकारियों और चयनकर्ताओं को लगता है कि मुझे इस जिम्मेदारी को निभाते रहना चाहिए।’ बीसीसीआई के साथ मेरा संवाद स्पष्ट था। मैंने विकल्प दिया था कि अगर पदाधिकारियों और चयनकर्ताओं की सोच कुछ और है तो यह (फैसला) उनके हाथ में है।’