बिहार के पटना की शातिर अपराधी लवली सिंह बैंक में रिकवरी एजेंट की आड़ में लूटपाट किया करती थी। इस वारदात को अंजाम देने के लिए उसने एक गिरोह तैयार कर रखा है। इस गिरोह में रांची से लेकर दिल्ली तक के लोगों को शामिल किया है। इस बात का खुलासा पूछताछ में आरोपी लवली सिंह ने पुलिस के समक्ष किया। पुलिस ने कुछ दिन पहले आरोपी लवली को हजारीबाग से गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
जेल भेजने से पहले हुई पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को कई अहम जानकारी दी। पटना के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में रहने वाली लवली ने पुलिस को बताया कि बैंक के पैसे की रिकवरी व लूटपाट के अलावा चोरी की गाड़ियों की खरीद-बिक्री का भी काम करती है। गिरोह के सदस्यों की मदद से अब तक वह एक दर्जन से ज्यादा चोरी की गाड़ी की बिक्री कर चुकी है। उसने अधिकतर गाड़ियों की बिक्री हजारीबाग से ही की है।
इधर, पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है। इसके लिए पुलिस की एक टीम लगातार छापेमारी भी कर रही है। गौरतलब हो कि गाड़ी की लूटपाट के मामले में रांची पुलिस की टीम ने जाल बिछाकर बीते चार दिसंबर को हजारीबाग के एक होटल से लवली सिंह को गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने गिरोह के अन्य पांच सदस्यों को भी विभिन्न इलाकों से पकड़कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
फर्जी पेपर तैयार करता है आरोपी मजीद
गिरोह की सरगना लवली सिंह ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि फर्जी पेपर हजारीबाग निवासी आरोपी मजीद खान के कैफे में तैयार किया जाता है। पहले चोरी व लूटपाट की सभी गाड़ियों को गिरोह के सदस्य सीधे कोडरमा लेकर आते हैं। यहां आरोपी शिव कुमार गाड़ी के फर्जी कागजात, आरसी बुक, इंश्योरेंस पेपर, पॉल्यूशन आदि पेपर मजीद के कैफे में तैयार करता है। इसके बाद गाड़ी की बिक्री की जाती है। चोरी की गाड़ियों का इंजन व चेचिस नंबर आरोपी गौरीशंकर बदलता है।
गिरोह में ये है शामिल
फरीद खान उर्फ मुन्न (चान्हो), साहेब खान उर्फ डेना (चान्हो), जमशेद खान (चान्हो), शिव कुमार(इचाक), मुस्ताक आलम उर्फ अरमान (इचाक), अशफाक अंसारी, मो अजहर (हजारीबाग), गौरी शंकर (हजारीबाग), मजीद खान (हजारीबाग), महेंद्र (दिल्ली) आदि।
ये अपराधी हैं फरार
साहेब खान, जमशेद खान, मो अजहर, गौरी शंकर और महेंद्र पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इसकी तलाश में पुलिस लगी हुई है।