दक्षिण अफ्रीका से निकले कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Covid Variant) ने भारत समेत दुनिया भर में चिंताएं बढ़ा दी हैं। ओमिक्रॉन के संभावित खतरे से निपटने कों दिल्ली सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट की दहशत के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि हम ओमिक्रॉन के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
केजरीवाल ने कहा कि यदि जरूरी हुआ तो हम आवश्यक प्रतिबंध भी लगाएंगे। फिलहाल किसी तरह की पाबंदी लगाने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्कूलों को फिर से खोलने पर फैसला स्कूलों की शीतकालीन छुट्टी खत्म होने के बाद लिया जाएगा।
इस दौरान केजरीवाल ने सोमवार को “दिल्ली की योगशाला” कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य प्रशिक्षित शिक्षकों के मार्गदर्शन में दिल्लीसियों को नियमित रूप से योग का अभ्यास करने में मदद करना है। मुख्यमंत्री द्वारा एक मोबाइल फोन नंबर लॉन्च किया गया जिस पर लोग मिस्ड कॉल दे सकते हैं और योग शिक्षकों का मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर एक वेबसाइट dillikiyogshala.com भी लॉन्च की गई।
केजरीवाल ने दिल्ली के एक कार्यक्रम में कहा कि 25-25 के समूह में लोग इस नंबर पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं और दिल्ली सरकार उन्हें शिक्षक मुहैया कराएगी। उन्हें योग का अभ्यास करने के लिए पार्क या सामुदायिक हॉल जैसी जगह की पहचान करनी होगी।” केजरीवाल ने दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू) के एक कार्यक्रम में यह बात कही।
दिल्ली कोरोना से निटपटने को कितनी तैयार?
केजरीवाल ने बीते महीने कहा था कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए हमें जिम्मेदार सरकारों के रूप में तैयार रहने की जरूरत है, जहां तक बेड का सवाल है, हमने 30,000 ऑक्सीजन बेड तैयार किए हैं और इनमें से लगभग 10,000 आईसीयू बेड हैं। इसके अलावा 6,800 ICU बेड्स निर्माणाधीन हैं जो फरवरी तक तैयार हो जाएंगे। हम हर नगर पालिका वार्ड में 100 ऑक्सीजन बेड्स को 2 हफ्ते के नोटिस पर तैयार कर सकते हैं। दिल्ली में 270 वार्ड हैं तो इस तरह से हम 27,000 ऑक्सीजन बेड्स और तैयार कर सकते हैं। इन सबको मिलाकर हम 63,800 बेड्स तैयार कर सकते हैं।
केजरीवाल ने कहा कि 32 किस्म की दवाइयां हैं, जिनको अलग-अलग तरह से कोरोना के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। इन सारी दवाइयों का 2 महीने का बफर स्टॉक ऑर्डर किया जा रहा है, जिससे किसी भी तरह से दवाइयों की कमी न पड़े और कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन से संबंधित तैयारी भी की जा रही है।
राजधानी को अप्रैल और मई में महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट से जूझना पड़ा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 442 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की अतिरिक्त स्टोरेज सुविधा तैयार की है, जो पिछली लहर के दौरान नहीं थी। उन्होंने कहा कि हमारे पास ऑक्सीजन उत्पादन की शून्य क्षमता थी। हमने पीएसए संयंत्र स्थापित किए हैं जो 121 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकते हैं। पिछली बार, अस्पताल ऑक्सीजन के लिए एसओएस मैसेज भेज रहे थे। हमने दिल्ली के सभी ऑक्सीजन टैंक में टेलीमेट्री उपकरण लगाने का निर्देश दिया है, ताकि हमारे वॉर रूम को पता चल सके कि ऑक्सीजन कहां खत्म हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने चीन से 6,000 सिलेंडर आयात किए हैं और तीन निजी ‘रीफिलिंग’ संयंत्र हैं जो प्रति दिन 1500 सिलेंडर भर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने दो बॉटलिंग संयंत्र लगाए हैं जो दैनिक आधार पर 1400 सिलेंडर भर सकते हैं।
पहली बार दक्षिण अफ्रीका में मिला था ओमिक्रॉन
गौरतलब है कि कोविड -19 के एक नए ओमिक्रॉन वैरिएंट B.1.1.1.529 के बारे में पहली बार 25 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सूचित किया गया था। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, पहला ज्ञात ओमिक्रॉन वैरिएंट इस साल 9 नवंबर को एकत्र किए गए सैंपल से सामने आया था। 26 नवंबर को, WHO ने नए COVID-19 वैरिएंट को B.1.1.529 का नाम दिया, जिसे दक्षिण अफ्रीका में ‘ओमिक्रॉन’ के रूप में पाया गया है। डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन को ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ के रूप में वर्गीकृत किया है। म्यूटेंट की खोज के बाद से दर्जनों देशों ने दक्षिणी अफ्रीकी देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिए हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने कहा था कि 23 देशों में नए ओमिक्रॉन कोविड वैरिएंट की पुष्टि की गई है और उनकी संख्या बढ़ने की उम्मीद है।