भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया है कि दिल्ली के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान 15 से 16 दिसंबर तक हट जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम कल से बॉर्डरों से हटना शुरू करेंगे और 4 से 5 दिन यानी 15 से 16 दिसंबर तक बॉर्डर खाली कर देंगे। गुरुवार को ही किसान संगठनों की संस्था संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन की समाप्ति का ऐलान करते हुए कहा था कि हम शनिवार से घर वापसी शुरू कर देंगे। इसके बाद से दिल्ली बॉर्डरों पर जाम की समस्या खत्म होने और लोगों को आवाजाही में होने वाली परेशानी दूर होने की उम्मीद बढ़ गई है।
राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर को लेकर कहा कि हम कम से कम एक रोड को 12 दिसंबर तक खाली करने का प्रयास करेंगे। किसान नेता ने कहा कि सरकार से फिलहाल कोई गतिरोध नहीं है और समझौता हो गया है। यही नहीं उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में जुटने वाले लोगों के लिए हर साल 8 से 10 दिनों के लिए एक मेले का आयोजन किया जाएगा। इससे लोगों को आपस में मुलाकात करने का मौका मिल सकेगा। इस बीच सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर से किसानों की वापसी का दौर शुरू हो गया है। टेंट उखड़ने लगे हैं, तंबू निकाल कर गाड़ियों में रखे जा रहे हैं। इसके अलावा लंगर का सामान भी लौट रहा है।
गुरुवार को सुबह किसान आंदोलनकारियों को सरकार की ओर से एक आधिकारिक लेटर मिला था। इस पर सहमति बन गई थी और फिर संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग के बाद आंदोलन की समाप्ति का ऐलान किया गया। हरियाणा, यूपी, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों ने किसान आंदोलनकारियों से तत्काल मुकदमों को भी वापस लेने की बात कही थी। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।