दिल्ली एयरपोर्ट पर मार्च 2022 तक बॉडी स्कैनर लगाए जाने की कवायद हो रही है। कोविड 19 के चलते इन्हें लगाने में देरी होने के बाद हाल ही में नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने दिल्ली एयरपोर्ट समेत अन्य संवेदनशील हवाईअड्डों पर इन्हें लगाने के निर्देश दिए हैं। बॉडी स्कैनर लगने से एयरपोर्ट पर जांच करने व संदिग्धों पर ओर बारीकी से नजर रखने में मदद मिलेगी। प्रतिबंधित चीजों जैसे चाकू, कारतूस, ड्रग्स आदि को पकड़ना आसान होगा।
दरअसल, फिलहाल एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ मल्टी-जोन डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी), हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर आदि से जांच करती है। बॉडी स्कैनर से अगर किसी ने अपने पेट के अंदर भी कोई वस्तु छिपा रखी है, यात्री ने अगर जूतों में कुछ प्रतिबंधित चीज छिपा है या विस्फोटक, ड्रग्स आदि को पकड़ना ओर आसान होगा। दिल्ली एयरपोर्ट पर करीब 60 से अधिक बॉडी स्कैनर लगाए जाने हैं। शुरुआत में तकरीबन एक दर्जन स्कैनर लगाए जाएंगे। इन्हें लगने के बाद डीएफएमडी व अन्य माध्यमों से जांच भी जारी रहेगी।
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दिल्ली के अलावा मुंबई, जम्मू, कश्मीर और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के संवेदनशील एयरपोर्ट पर इन्हें मार्च 2022 तक लगाने का लक्ष्य रखा गया है। देश के अन्य करीब 70 से अधिक एयरपोर्ट पर इन्हें दिसंबर 2022 तक लगाया जाना है। वर्ष 2019 के दिसंबर व 2020 में इसका दिल्ली एयरपोर्ट पर ट्रायल किया गया था। जिसके बाद कोरोना के चलते इसे लगाने का मामला लंबित है। बता दें कि अमेरिका में 9/11 के हमलों और दुनियाभर में आंतकी हमलों के लगातार बढ़ते खतरे के बाद एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच मजबूत करने के लिए बॉडी स्कैनर लगाने का निर्णय लिया गया है। इसमें यात्री दोनों हाथ ऊपर कर एक बॉक्स में खड़ा होता है। रेडियो तरंगों से उसे स्कैन किया जाता है। उसकी छवि साथ लगे कंप्यूटर मॉनिटर में नजर आती है।