बलोचिस्तान में चीन लगातार निवेश कर रहा है। इसी इलाके के ग्वादर पोर्ट पर भी चीन ने बहुत निवेश किया है। ऐसे में इस तरह की रिपोर्ट्स आती रही हैं कि चीन ग्वादर में मिलिट्री बेस बना रहा है। हालांकि पाकिस्तान ने इस बात से इनकार किया है। पाकिस्तान के नेशनल सिक्यूरिटी एडवाइजर मोइद युसूफ ने एक इंटरव्यू में बताया है कि पाकिस्तान ने चीन को ग्वादर में किसी भी तरह के मिलिट्री बेस बनाने की पेशकश नहीं की है।
युसूफ ने कहा है कि पाकिस्तान में चीन का इकॉनोमिक बेस है। इस क्षेत्र में दुनिया का कोई भी देश पाकिस्तान में निवेश कर सकता है। अमेरिका, रूस और मिडिल ईस्ट के देशों को भी यही पेशकश की गई थी। पाकिस्तान सभी देशों के लिए खुला हुआ है। चीन को लेकर मोइद युसफ ने कहा है कि बीजिंग, इस्लामाबाद का करीबी दोस्त है। दुनिया का कोई भी देश चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) परियोजना में निवेश कर सकता है। हम किसी के लिए बंद नहीं हैं।
शिनजियांग में अल्पसंख्यक मुस्लिमों पर हो रहे दमन को लेकर युसूफ ने कहा है कि शिनजियांग में मुसलमानों के खिलाफ कथित अत्याचारों के बारे में पाकिस्तान पश्चिमी देशों से सहमत नहीं है। अगर पश्चिमी देशों को चीन से कोई समस्या है, तो उन्हें इसके बारे में बीजिंग से बात करनी चाहिए।
अफगानिस्तान के हालत को लेकर युसूफ तालिबान शासन की पैरवी करते नजर आए। उन्होंने अफगानिस्तान के ताजा हालात को लेकर कहा है कि अफगानिस्तान मानवीय आपदा की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में दुनिया के देशों को अफगानिस्तान की मदद के लिए आगे आने की जरूरत है।