शर्टलेस आंदोलन, मंत्रियों को गुलाब भेंट करने और भूख हड़ताल पर जाने के बाद अब राजस्थान के बेरोजगार युवकों ने लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया है। यह युवक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि राजस्थान की गहलोत सरकार उनकी नहीं सुन रही है।
राजस्थान बेरोजगर एककृत महासंघ (आरबीईएम) के बैनर तले आयोजित इस धरना का उद्देश्य राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर बेरोजगारों की मांगों को पूरा कराना है। इनकी प्रमुख मांग सरकारी नौकरियों में नियुक्ति है। इसके लिए भर्ती परीक्षाएं पहले ही आयोजित की जा चुकी हैं। राज्य सरकार की नौकरियों के लिए रिक्तियों की संख्या में वृद्धि और प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक करने वालों के खिलाफ गैर-जमानती कानून तैयार करने की भी मांग कर रहे हैं।
धरने में शामिल होने पहुंचे आरबीईएम के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि हमने लखनऊ में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बाहर धरने के बाद अब भूख हड़ताल शुरू कर दी है। हम पिछले 47 दिनों से जयपुर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हम प्रियंका गांधी से मिलना चाहते हैं। कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह उत्तर प्रदेश में 20 लाख नौकरियां देगी। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले हमने कांग्रेस को समर्थन दिया था, लेकिन हमसे किए गए वादे पूरे नहीं किए गए।
इससे पहले आरबीईएम ने कहा था कि वह प्रियंका गांधी समेत अपने नेताओं की रैलियों में उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस का विरोध करेगी। उपेन यादव ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। इसके बावजूद वे बेरोजगार युवाओं से किए गए वादों को पूरा नहीं कर रहे हैं और इसके बजाय उत्तर प्रदेश के लोगों से बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं। पहले पार्टी को राजस्थान में किए गए अपने वादों को पूरा करना चाहिए।
सीएम गहलोत के नवनियुक्त सलाहकार विधायक दानिश अबरार 23 नवंबर को प्रदर्शनकारियों के पास पहुंचे और बातचीत की। हालांकि, सहमति नहीं बनने पर प्रदर्शनकारी 26 नवंबर को उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गए और लखनऊ पहुंचकर उन्होंने यूपी कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर उनके साथ बदसलूकी करने का भी आरोप लगाया।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राज्य भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया, विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर आदि ने गहलोत शासन की आलोचना करते हुए राजस्थान सरकार को घेरने की कोशिश भी की है। इसे लेकर रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि विपक्ष विरोध को उकसा रहा है।
गहलोत ने कहा कि राज्य में चुनावों में हार के बाद भाजपा का मनोबल टूट गया है और अब वह इस तरह के विरोध को भड़का रही है। देश में सबसे ज्यादा रोजगार राजस्थान में दिया जा रहा है। लगभग 1 लाख लोगों को पहले ही नौकरी मिल चुकी है। 77,000 और लोगों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। क्या देश में कहीं ऐसा हो रहा है? कुछ लोग भविष्य में चुनाव लड़ना चाहते हैं। अगर उन्हें नौकरी मिल भी जाती है तो वे ऐसा नहीं करेंगे। बस सुर्खियों में रहना चाहते हैं ताकि कल भाजपा या कांग्रेस उन्हें टिकट दे।