पटना पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म के एक आपराधिक कांड का अनुसंधान करने में कई बिंदुओं पर लापरवाही की है। नाबालिग से दुष्कर्म मामले के अभियोजन गवाहों ने आरोपित पर लगाए गए आरोप का समर्थन नहीं किया। इस वजह से आरोपित न्यालाय से बड़ी हो गया।
पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अवधेश कुमार ने इस कांड का फैसला देते हुए अपने फैसले में उपरोक्त टिप्पणी की है। पॉक्सो कोर्ट ने कहा कि अभियोजन गवाहों के अवलोकन से पता चलता है कि इस कांड के अनुसंधानकर्ता ने आपराधिक घटना की जांच में लापरवाही की है।
परसा थाने में पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म एक आपरधिक कांड में पुलिस अधिकारी द्वारा लापरवाही से अनुसंधान किया गया। परसा बाजार थाना कांड संख्या 382/2019 दर्ज किया गया था। इस कांड में अभियोजन गवाह एक ही परिवार के थे जिन्होंने आरोपी द्वारा किए गए आपराधिक घटना का समर्थन नहीं किया। सभी अभियोजन गवाहों ने कहा कि आरोपी ने कोई आपराधिक घटना नहीं की है।
इस कांड के अनुसंधानकर्ता पीड़िता से मिले भी नहीं और आरोपी के खिलाफ खानापूर्ति के तहत जैसे-तैसे पॉक्सो की विशेष अदालत में चार्जशीट दायर कर दिया। इस कांड की सुनवाई के बाद पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने फैसला दिया कि आरोपी श्रवण कुमार निर्दोष है। उसे जेल से रिहा करने का आदेश जारी किया। अभियोजन ने आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने में असफल रहा।