ग्वालियर पुलिस ने क्राइम ब्रांच के एक फर्जी थानेदार को दबोचा है। वह थानेदार का रौब जमाकर एमपी ऑनलाइन की दुकानों पर जाता था और फोन पे पर रुपए ट्रांसफर कराकर चूना लगाता था। क्राइम ब्रांच ने इस थानेदार को बस स्टैंड के पास गिरफ्तार पूछताछ शुरू कर दी है।
मुरैना का देवेंद्र सिकरवार नामक व्यक्ति बीएससी तक पढ़ा है। उसने क्राइम ब्रांच का थानेदार बनकर एमपी ऑनलाइन की दुकानों को निशाना बनाया है। उसके पास फर्जी आईडी रहता था और उसके सहारे वह दुकानदारों पर रौब जमाता था। गिरफ्तारी के पहले तक जिन चार दुकानदारों को क्राइम ब्रांच के नाम पर धोखा देकर राशि हजम करने वाले थानेदार की तलाश के लिए आवेदन लेकर जांच शुरू की गई थी।
ऐसे पकड़ा गया फर्जी थानेदार
पुलिस अधीक्षक ग्वालियर अमित सांघी ने बताया कि काफी दिनों से शिकायतों के बाद क्राइम ब्रांच की टीम को अलर्ट किया गया था। क्राइम ब्रांच की टीम ने काम शुरू किया तो उसे सूचना मिली कि बस स्टैंड पर एक युवक गले में क्राइम ब्रांच के सब इंस्पेक्टर की आईडी और पुलिस की कैप पहनकर खड़ा हुआ है। यह फर्जी थानेदार ही लग रहा है।
हिरासत में लिया तो 99 हजार नकद मिले
क्राइम ब्रांच की टीम ने दबिश देकर बस स्टैंड के पास से आरोपी को हिरासत में लिया। तलाशी लेने उससे एक पुलिस की कैप, आईडी कार्ड व 99 हजार रुपए नकद बरामद हुए हैं। आरोपी की पहचान देवेन्द्र सिकरवार निवासी मुरैना के रूप में हुई है। वह यहां वारदात के लिए आता था। उसने वारदात करना कुबूल भी कर लिया है। उसने इस तरह की वारदातें मुरैना में भी की हैं।
ऐसे करता था ठगी
शहर के नाका चन्द्रबदनी निवासी जितेन्द्र जखेनिया जो कि SBI का ग्राहक सेवा केन्द्र नाम से ऑनलाइन दुकान चलाता है। 20 नवंबर को यह युवक उनकी दुकान पर पहुंचा। खुद को पुलिस का सब इंस्पेक्टर बता अपनी आईडी दिखाते हुए बोला कि मुझे अपने फोन पे पर 15 हजार 800 रूपये ट्रांसफर कराना है। उसके बाद दुकानदार द्वारा रुपए ट्रांसफर कर दिये। पैसे मांगने पर वह बोला कि पर्स एसपी आफिस में छोड़ आया हूं।मेरे साथ चलो दे देता हूंं।लेकिन फर्जी सब इंस्पेक्टर दुकानदार को इन्दरगंज थाने के पास छोडक़र बोला कि हाईकोर्ट में जरूरी काम है। वापस आकर पैसे देता हॅूं उसके बाद वह लौटकर नहीं आया।