दो दिन पहले जहरीली हवा से मिली राहत ज्यादा दिन नहीं टिक पाई। दिल्ली की हवा गुरुवार को एक बार फिर से दमघोंटू हो गई है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक के पार हो गया। इस स्तर की हवा को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। नवंबर में यह नौवां दिन है जब एक्यूआई 400 अंक के पार हो गई।
नवंबर का महीना इस बार दिल्ली के लोगों के लिए प्रदूषण के लिए लिहाज से भारी बीत रहा है। दिवाली के बाद से ही लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। तेज हवाओं के चलते दो दिन पहले प्रदूषण की स्थिति में थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन हवा की रफ्तार कम होने के साथ ही हवा फिर से दमघोंटू हो गई।
दिल्ली के वातावरण में प्रदूषण की परत जमी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, गुरुवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 के अंक पर रहा। बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 361 था यानी चौबीस घंटे के भीतर ही इसमें 40 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों की हवा गंभीर श्रेणी में ही है। प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन, नाक और गले में खराश जैसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर दोपहिया वाहन चालकों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है।
साढ़े तीन गुना अधिक प्रदूषण
दिल्ली की हवा में इस समय साढ़े तीन गुना से अधिक प्रदूषण मौजूद है। सीपीसीबी के मुताबिक शाम पांच बजे दिल्ली की हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 की मात्रा 374 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 की मात्रा 218 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही। मानकों के मुताबिक हवा में पीएम 10 की मात्रा 100 से और पीएम 2.5 की मात्रा 218 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम होनी चाहिए। इसके अनुसार दिल्ली की हवा में अभी साढ़े तीन गुना से भी ज्यादा प्रदूषण है।
पराली का प्रभाव हुआ समाप्त
दिल्ली की हवा में अब पराली के धुएं का प्रभाव नगण्य जैसा हो गया है। पिछले दिनों में दिल्ली की हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी लगातार बनी हुई थी। सफर की ओर से इसकी हिस्सेदारी और पराली जलाने की घटनाओं के बारे में रोजाना अपडेट जारी किया जाता रहा। लेकिन, अब इसे बंद कर दिया गया है।
तीन दिन राहत के आसार नहीं
दिल्ली को अगले तीन दिनों के बीच प्रदूषण से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। सफर के मुताबिक, अगले तीन दिनों के बीच हवा की रफ्तार बढ़ने की संभावना नहीं के बराबर है। हवा की गति जब धीमी होती है तब हवा में प्रदूषक कण ज्यादा देर तक टिके रहते हैं। जबकि, जब गति तेज होती है तो प्रदूषक कण कम होने लगते हैं।
यहां की हवा सबसे ज्यादा खराब
जहांगीरपुरी 457
रोहिणी 449
विवेक विहार 445
नरेला 450
आनंद विहार 436