बिहार में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश की सीमा से शराब की तस्करी अधिक हो रही है। अप्रैल 2016 से लागू शराबबंदी से लेकर अब तक उत्तरप्रदेश की सीमा से नौ लाख लीटर से अधिक शराब की जब्ती की जा चुकी है। वहीं झारखंड की सीमा से आठ लाख 55 हजार लीटर से अधिक शराब बरामद हुई तो पश्चिम बंगाल की सीमा से दो लाख 90 हजार लीटर से अधिक शराब की जब्ती की गई है।
शराब तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए परिवहन विभाग ने एक्शन प्लान बनाया है। पड़ोसी राज्यों से आ रही शराब की खेप को पकड़ने और तस्करों की गिरफ्तारी के लिए राज्य की प्रवेश सीमा और सीमावर्ती जिलों में सख्ती बढ़ेगी। विशेषकर मालवाहक गाड़ियों पर विशेष नजर रहेगी। एक से अधिक विभाग के अधिकारी मिलकर इस काम को अंजाम देंगे। परिवहन विभाग इस काम में पुलिस और उत्पाद विभाग की भी सहायता लेगा।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, चूंकि दूसरे राज्यों से बड़ी गाड़ियों के माध्यम से ही शराब की खेप बिहार पहुंच रही है। इसलिए बिहार की सीमा में प्रवेश करने वाली दूसरे राज्यों की गाड़ियों पर विभाग की विशेष नजर रहेगी। परिवहन विभाग ऐसी गाड़ियों के कागजात जांच करेगा तो पुलिस और उत्पाद विभाग के अधिकारी गाड़ियों में लदे सामान की जांच करेंगे। सीमावर्ती जिलों के ग्रामीणों से भी सम्पर्क साधा जाएगा। शराब तस्करों पर नकेल कसने के लिए विभाग ने 22 जिलों में विशेष निगरानी करने का निर्णय लिया है।
न केवल प्रवेश सीमा बल्कि सीमा से सटे इन जिलों में भी परिवहन सहित अन्य विभागों की संयुक्त टीम गाड़ियों पर नजर रखेगी। इनमें पश्चिमी सीमावर्ती जिलों में सीवान, सारण, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, रोहतास और गोपालगंज है। पूर्वी सीमावर्ती जिलों में अररिया, किशनगंज, कटिहार व पूर्णिया, उत्तरी सीमावर्ती जिलों में पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी और सुपौल तो दक्षिणी सीमावर्ती जिलों में भागलपुर, बांका, जमुई, गया, औरंगाबाद और नवादा पर विशेष नजर रहेगी।