बहराइच में बेटी से दुष्कर्म के मामले में आरोपी पिता को फांसी की सजा के बाद जांच करने वाली पुलिस टीम पर इनामों की बारिश शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश शासन ने मामले में बेहतर जांच और तत्परता से आरोपपत्र दाखिल करने के लिए पुलिस दल को एक लाख रुपये का इनाम दिया है। इसके साथ ही गोरखपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार ने 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है।
बहराइच की पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि बेहतर जांच और बिना किसी देरी के आरोपपत्र दाखिल करने के लिए शासन द्वारा एक लाख और गोरखपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार द्वारा 50 हजार नकद पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की गई है। जिले की एक अदालत ने नाबालिग पुत्री से दुष्कर्म के दोषी पिता को मौत की सजा सुनाने के साथ ही 51 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह फैसला मुकदमा शुरू होने के चार महीने के भीतर आया है।
मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अदालत-प्रथम) नितिन कुमार पांडेय ने बेटी से रेप के दोषी पिता को मृत्युदंड की सजा सुनाई। इस घटना की शिकायत पीड़ित बच्ची की मां ने दर्ज कराई थी और मुख्य गवाह पीड़िता का सगा भाई था।
सुजौली थाना क्षेत्र का एक पिता अपनी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ लगातार दो साल से दुष्कर्म कर रहा था। उन्होंने कहा कि इस दौरान उसने बच्ची का एक व्यक्ति से निकाह करा दिया था लेकिन निकाह के बाद भी उसे वापस अपने घर ले आया। अगस्त महीने में एक रात बच्ची की चीख सुनकर उसकी मां व भाई ने आरोपी पिता को रंगेहाथ पकड़ लिया और तब बच्ची ने रोते हुए अपनी मां को आपबीती सुनाई।
बच्ची ने अपनी मां को बताया था कि उसका बाप उसे डरा-धमकाकर दो साल से दुष्कर्म कर रहा है और इसके बाद बच्ची की मां ने 25 अगस्त को सुजौली थाने में अपने पति के खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म व पॉक्सो कानून सहित सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई। विशेष शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता की मां, भाई व दो पड़ोसियों सहित तमाम गवाहों ने दोषी पिता के खिलाफ अदालत में गवाही दी। पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह ने इस मामले में त्वरित आरोपपत्र दाखिल करने वाली पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की थी।