राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बूस्टर डोज पर जोर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा जाएगा। इसमें उनसे बूस्टर डोज की इजाजत देने की गुहार लगाई जाएगी। सीएम गहलोत ने कहाकि यह देखने में आया है दुनिया के 35 देशों में बूस्टर डोज लगाई जा रही है। ऐसे में लोगों को तीसरी लहर से बचाने के लिए यह बेहद जरूरी है। केंद्रीय सरकार को बूस्टर डोज को लेकर सही निर्णय लेना चाहिए और राज्यों के लिए गाइडलाइन जारी करनी चाहिए।
राजस्थान कराएगा सीरो सर्वे
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहाकि राजस्थान का स्वास्थ्य विभाग खुद एक सीरो सर्वे कराएगा। इसके जरिए पता लगाया जाएगा कि क्या वैक्सीन के बूस्टर डोज की जरूरत है? इस सर्वे में राज्य के 14 जिलों से 168000 सैंपल कलेक्ट करके लोगों की इम्यूनिटी स्तर का पता लगाया जाएगा। इस दौरान एक डोज, दो डोज और बिना कोई डोज लगवाए लोगों का सैंपल लिया जाएगा। इस दौरान गहलोत ने राज्य के कुछ जिलों में बढ़ रहे कोरोना केसेज पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहाकि दूसरी लहर और इस वायरस के स्वभाव को देखते हुए री-टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रैसिंग की स्ट्रैटजी को कड़ाई से लागू करने की जरूरत है। उन्होंने कि संक्रमण पर शुरुआती दौर में ही लगाम लगाने की जरूरत है, तभी लोगों को तीसरी लहर से बचाया जा सकेगा।
पता चलेगा इम्यूनिटी का हाल
शुक्रवार को मुख्यमंत्री गहलोत कोरोना और मौसमी बीमारियों से उपजे हालात का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने कहाकि पूरे राज्य में सैंपलिंग बढ़ाए जाने की जरूरत है। वहीं एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर सुधीर भंडारी ने बताया कि वैक्सीनेशन के बाद लोगों में इम्यूनिटी चेक करने के लिए फिर से सीरो सर्वे किया जा रहा है। इसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स और आम लोग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सीरो सर्वे का मकसद यह देखना है कि आमलोगों और हेल्थकेयर वर्कर्स में कोरोना को लेकर इम्यूनिटी कितनी डेवलप हुई है। इसके अलावा 12 महीने में इम्यून रिस्पांस में आए बदलाव, बीमार हुए और वैक्सीन लगवा चुके, बिना बीमार हुए वैक्सीन लगवा चुके और न बीमार हुए और न वैक्सीन लगवाए जैसे लोगों में इम्यूनिटी का स्तर जांचना है। भंडारी ने बताया कि इस सर्वे से कोरोना की तीसरी लहर में रिस्क का अनुमान लगाने में मदद मिलेगी।