अगर आपके पास भी 10 साल पुरानी डीजल से चलने वाली गाड़ी है तो यह खबर आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। दिल्ली सरकार ऐसे वाहन मालिकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। दरअसल, राजधानी में ईवी नीति के जरिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही केजरीवाल सरकार ने अब 10 साल पुरानी डीजल से चलने वाली गाड़ियो को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट करने का रास्ता खोल दिया है।
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) ने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने गुरुवार को घोषणा की थी कि परिवहन विभाग पारंपरिक इंजनों को इलेक्ट्रिक इंजनों से बदलने के लिए इलेक्ट्रिक किट निर्माताओं को पैनल में शामिल करेगा। गहलोत ने कहा था कि पिछले साल शुरू की गई दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति (Delhi Electric Vehicle Policy) सब्सिडी के अलावा गैर-वित्तीय प्रोत्साहन भी प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि डीजल वाहनों की रेट्रोफिटिंग से वे वाहन निर्धारित 10 वर्षों से अधिक समय तक इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में उपयोग में आ सकेंगे।
गहलोत ने कहा कि जब ईवी नीति शुरू की गई थी, तब दिल्ली में केवल बिजली से चलने वाले 46 हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी) थे जो अब बढ़कर 1,054 हो गए हैं। यह कहते हुए कि कुल वाहन पंजीकरण में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रतिशत अब लगभग 7 प्रतिशत हो गया है, मंत्री ने उम्मीद जताई कि ईवी नीति में लक्ष्य के अनुसार 2024 तक इसे और बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया जाएगा।
गहलोत ने ट्वीट किया, “दिल्ली अब आंतरिक दहन इंजन (ICE) के इलेक्ट्रिक इंजन के तौर पर रेट्रोफिटिंग के लिए तैयार है! यदि वाहन फिट पाए जाते हैं तो वे अपने डीजल इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में बदल सकते हैं, विभाग अनुमोदित परीक्षण एजेंसियों द्वारा पूरी तरह इलेक्ट्रिक किट के निर्माताओं को सूचीबद्ध करेगा। एक बार पैनल में शामिल होने के बाद यह वाहनों को यहां 10 साल से अधिक समय तक चलने में सक्षम बनाएगा।”
बता दें कि, दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचने के साथ दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने गुरुवार को घोषणा की थी कि बिजली के हल्के वाणिज्यिक वाहनों को नो-एंट्री घंटों के दौरान लगभग 250 सड़कों पर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
गौरतलब है कि दिल्ली में बड़ी संख्या में 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां हैं और इनकी हालत भी ठीक है। मगर अब इन्हें दिल्ली में चलने की अनुमति नहीं है। नियम के अनुसार, अगर ये वाहन सड़क पर आते हैं तो इन्हें जब्त कर लिया जाएगा। ऐसी गाड़ियों को फिर से दौड़ाने के लिए सरकार ने नया रास्ता ढूंढा है। केजरीवाल सरकार के इस कदम से दिल्ली के लाखों लोगों को फायदा होने की उम्मीद है।