राजधानी में बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में रहा। सुबह कोहरे और धुंध के चलते स्मॉग की परत छाई रही। सुबह 9 बजे तक धीरे-धीरे हालत में कुछ सुधार हुआ। दिनभर लोगों ने प्रदूषण के चलते आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायत की।
मौसम विभाग के मुताबिक, आगे 21 नंवबर तक वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में ही रहने के आसार हैं। उम्मीद है कि अगले दो दिन में पराली से होने वाला धुआं जरूर कुछ कम होगा। इन दिनों हरियाणा और पंजाब समेत आसपास के राज्यों से हवा का दबाव कम रहेगा, लेकिन दिल्ली में हवा की गति धीमी होने के चलते यहां प्रदूषक तत्व बना रहेगा।
बुधवार को दिनभर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 375 दर्ज किया गया। यहां पीएम 10 का स्तर 316 और पीएम 2.5 का स्तर 200 रहा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सफर के मुताबिक बीते 24 घंटे में दिल्ली की हवा में पराली से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी करीब 6 फीसदी रही। इस बीच पराली जलाने के कुल करीब 2643 मामले दर्ज किए गए।
वायु की गति
मौसम विभाग के मुताबिक 21 नंवबर तक कम तापमान और धीमी वायु स्थिति के कारण लोअर वेंटिलेशन इंडेक्स का अनुमान लगाया गया है, जो प्रदूषकों के फैलाव के लिए प्रतिकूल है। 21 नवंबर को अपेक्षाकृत तेज हवा चलने से इसके बाद वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार आ सकता है। सफर ने बताया कि 18 नवंबर को दिल्ली में पराली जलाने से उत्पन्न होने वाले प्रदूषकों के प्रसार का अनुमान नहीं है, क्योंकि हवा की दिशा पूर्व की ओर है।
सर्दी बढ़ेगी
दिनभर का न्यूनतम तापमान इस मौसम के सामान्य तापमान से तीन डिग्री कम 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आगे ठिठुरन बढ़ेगी। बता दें कि एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बेहद खराब और 401 और 500 के बीच गंभीर श्रेणी में माना जाता है।