करतारपुर कॉरिडोर खुलने के बाद एक बार फिर से पंजाब कांग्रेस में जारी रार भी खुलकर सामने आ गई है। दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में राज्य के मंत्रियों का जत्था गुरुवार को पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का दौरा करेगा लेकिन इस जत्थे में नवजोत सिंह सिद्धू को शामिल नहीं किया गया है। सीएम चन्नी और पंजाब के मंत्रियों के साथ नवजोत सिंह सिद्धू को न ले जाने पर अब सिद्धू खेमा नाराज हो गया है। सिद्धू के सलाहकार ने खुद ट्विटर पर इस नाराजगी को जाहिर किया है।
सिद्धू के मीडिया सलाहकार ने उन सवालों को सही ठहराया जिसमें कहा जा रहा है कि पंजाब सरकार सिद्धू को इसलिए साथ नहीं ले गई क्योंकि अगर वो जाते सबका ध्यान उन्हीं पर रहता। पंजाब के एक रिपोर्टर ने ट्वीट किया, ‘चरणजीत सिंह चन्नी और उनके सहयोगी करतापुर साहिब गुरुद्वारा जाएंगे लेकिन कांग्रेस के अंदर ही अब सिद्धू को इस दौरे से बाहर रखने पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि पंजाब सरकार ने उन्हें न ले जाने का फैसला क्यों किया। महफिल लूटने का डर।’ इस ट्वीट पर सिद्धू के सलाहकार सुरिंदर दल्ला ने जवाब दिया और अपनी सहमति जताई है। उन्होंने लिखा, ‘एकदम सच राजमीत जी। मैं आपके विचारों से बिलकुल सहमत हूं।’
दल्ला ने इससे पहले भी ट्वीट किया था। उन्होंने बुधवार रात दावा किया कि सिद्धू को आधिकारिक तौर पर सूचित कर दिया गया है कि वह 18 नवंबर के बजाय 20 नवंबर को जा सकते हैं। दल्ला ने कहा, “सिद्धू साहब ने कल (गुरुवार) को करतारपुर साहिब गुरुद्वारे जाने की पूरी तैयारी कर ली थी।”‘
बता दें कि सिद्धू ने करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का श्रेय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी सरकार को दिया था। यह यात्रा गुरुपुरब से एक दिन पहले आती है, जो सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती का प्रतीक है। अधिकारियों ने बताया कि चन्नी के साथ कुछ विधायक और कुछ अधिकारी भी होंगे।
गुरु नानक की जयंती के रूप में मनाया जाने वाला गुरुपर्व 19 नवंबर को मनाया जाएगा। करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की तीर्थयात्रा मार्च 2020 में कोविड महामारी के कारण निलंबित कर दी गई थी।