ताइवान ने चीन को ठेंगा दिखाते हुए लिथुआनिया में अपना दूतावास खोला है। चीन ने ताइवान को लिथुआनिया में दूतावास न खोलने और लिथुआनिया से संबंध न बनाने की चेतावनी दी थी। लेकिन अब ताइवान ने चीन के कड़े विरोध को खारिज करते हुए लिथुआनिया में अपना दूतावास खोल लिया है।
ताइवान और लिथुआनिया के बीच बढ़ते संबंध से चीन परेशान था। चीन ने अगस्त में बीजिंग में लिथुआनिया के राजदूत को देश लौटने को कहा था और अपने राजदूत को विनियस से बुलाने की बात कही थी। यह तब हुआ था कब ताइवान ने कहा था कि लिथुआनिया में उसके ऑफिस को ताइवानी प्रतिनिधि कार्यालय कहा जाएगा।
ताइवान में अपना प्रतिनिधि कार्यालय खोलने के लिथुआनिया के फैसले से बीजिंग भी नाराज है। हालांकि इसके लिए अभी तक कोई तारीख नहीं तय की गई है। ताइवान विदेश मंत्रालय ने मामले को लेकर कहा है कि ऑफिस के उद्घाटन से ताइवान और लिथुआनिया के बीच संबंध और मजबूत होंगे।
अमेरिका और यूरोपीय देश ताइवान ऑफिस को लेकर ताइपे नाम का इस्तेमाल करते रहे हैं। चीन ने अन्य देशों को ताइवान के साथ अपनी बातचीत को सीमित करने या उसे पूरी तरह से काटने के लिए कोशिश तेज कर दी है। बता दें कि ताइवान के सिर्फ 15 देशों के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध हैं।