बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर खंभार खेड़ा चीनी मिल चलने से पहले ही किसानों ने बंद करा दी। किसानों ने गन्ना आपूर्ति ही रोक दी। सुबह मिल गेट पर गन्ना तौल होनी थी लेकिन किसान गन्ना ही लेकर नहीं गए। इसके अलावा तमाम किसान मिल गेट पर जमा हो गए। इससे मिल में पेराई शुरू नहीं हो सकी है। किसानों ने पहले ही बकाया भुगतान की मांग को लेकर ऐलान किया था कि जब तक भुगतान नहीं होगा तब तक मिल न चलाई जाए। मिल अधिकारियों से वार्ता हुई लेकिन कोई हल नहीं निकला।
राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन ने मांग की थी कि मिल चलने से पहले किसानों का बकाया मूल्य भुगतान किया जाय इसके बाद मिल चालू की जाय। चीनी मिल ने अभी तक बकाया भुगतान नहीं किया। मिल में पेराई सत्र की शुरुआत होनी थी। 17 नवम्बर से मिल के पेराई सत्र के लिए इंडेंट भी जारी किए गए। किसान भुगतान न होने तक मिल को गन्ना आपूर्ति करने के मूड में नहीं हैं। बुधवार कुछ ही किसान मिल को गन्ना लेकर गए ज्यादातर किसान गन्ना ही नहीं ले गए, जो किसान गन्ना लेकर गए उनको राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन और भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसानों ने मिल गेट के बाहर ही रोक लिया और अपील की कि जब तक भुगतान नहीं मिल जाता तब तक गन्ना आपूर्ति बंद रखी जाय। मिल गेट पर किसानों की भारी गहमागहमी रही। बताया जाता है कि मिल के अधिकारियों ने वार्ता की लेकिन कोई हल नहीं निकला।
पहले भी मिल पर आन्दोलन कर चुके हैं किसान
किसानों ने बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर खंभारखेड़ा मिल पर पहले भी धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। कई दिनों तक धरना देने के बाद किसानों ने जलसमाधि का ऐलान किया। इस पर तत्कालन डीएम, जिला गन्ना अधिकारी से वार्ता के बाद भुगतान पर सहमति बनी और किसानों ने जल समाधि रोक ली। इसके बाद लगातार किसान भुगतान की मांग को लेकर ज्ञापन देते रहे। उधर मिल ने 17 नवम्बर से पेराई शुरू करने के लिए पर्चियां जारी कीं। मिल शुरू होने से पहले बकाया भुगतान की मांग को लेकर किसानों ने गन्ना आपूर्ति ही रोक दी। बताते चलें कि इससे पहले गोला चीनी मिल का पेराई सत्र शुरू होने के दिन किसान डोंगे में कूद गए थे।