कई लोगों की आदत होती है कि वे खाने के साथ फ्रूट्स सलाद खाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार खाने के साथ कभी भी फल का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे ना सिर्फ आपकी इम्यूनिटी कमजोर होती है बल्कि इससे आपको कई तरह की डाइजेशन से जुड़ीं परेशानियां हो सकती हैं। आइए, जानते हैं कि आयुर्वेद में खाने के साथ फल खाने की मनाही क्यों है?
खाने के साथ न खाएं फल
किसी भी अन्य भोजन की तुलना में फल जल्दी टूट जाते हैं। इसे किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ के साथ मिलाने से शरीर में विषाक्त पदार्थ यानी टॉक्सिन बनते हैं, जिसे एसिड बनना भी कहते हैं। फलों को पेट में तब तक रहना पड़ता है, जब तक कि सबसे भारी भोजन पचता है, जिससे शरीर के लिए पोषक तत्वों को अवशोषित करना मुश्किल हो जाता है। इस कारण से बीमारी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, दूध और दही जैसे डेयरी उत्पादों के साथ फल खाने से त्वचा की स्थिति जैसे मुंहासे, सोरायसिस और एक्जिमा जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
फलों को पकाना भी सही नहीं
फल आमतौर पर ब्राइट कलर के होते हैं। फल का ब्राइट कलर रंग अग्नि ऊर्जा से जुड़ा हुआ है। फलों को जब कच्चा खाया जाता है, तो फल पाचन अग्नि को उत्तेजित करने, आपके पाचन स्वास्थ्य को बढ़ाने और पेट को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। खाना पकाने से पाचन अग्नि (digestive fire) और पोषक तत्व नष्ट होते हैं। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि फलों को पकाकर खाना कितना खतरनाक है।