महाराष्ट्र के अमरावती में अगले सप्ताह तक ढील के साथ कर्फ्यू जारी रहेगा तथा इंटरनेट सेवाओं पर दो और दिनों तक रोक लगी रहेगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि हिंसक घटनाओं के सिलसिले में मंगलवार सुबह तक कुल 188 आरोपी गिरफ्तार किये गये। शहर में 12 और 13 नवंबर को एक के बाद एक कई हिंसक घटनाएं हुई थीं लेकिन अब स्थिति धीरे धीरे सामान्य हो रही है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजेंद्र सिंह ने बताया कि छूट के साथ पाबंदियां जारी रहेंगी। अमरावती पुलिस ने शनिवार को चार दिनों के लिए कर्फ्यू लगा दिया था। उससे पहले भाजपा द्वारा आहूत बंद के दौरान दुकानों पर पथराव किया गया था। इसके एक दिन पहले भी एक मुस्लिम संगठन की रैली के दौरान पथराव किया गया था। मुस्लिम संगठन ने त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में रैली निकाली थी।
सिंह ने कहा, ‘हम कर्फ्यू में ढील दे रहे हैं लेकिन फिलहाल इसे पूरी तरह से हटाने का प्रश्न ही नहीं है। यह अगले सप्ताह तक जारी रहेगा। ‘हालांकि उन्होंने इस बारे में कोई निश्चित तारीख नहीं बतायी कि कब तक लोगों की आवाजाही पर पाबंदी रहेगी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि इंटरनेट सेवाओं पर रोक और दिन रहेगी। मंगलवार को पुलिस ने अपराह्न दो बजे से चार बजे तक कर्फ्यू में ढील दी। यह ढील मंगलवार को भी दो या चार घंटे के लिए जारी रह सकती है।
सिंह ने हिंसा की जांच के संदर्भ में कहा कि पुलिस 12-13 नवंबर की घटनाओं के सिलसिले में आरोपियों की पहचान एवं उनकी गिरफ्तारी में लगी है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हम विभिन्न पहलुओं से जांच कर रहे हैं। हम साजिश के दृष्टिकोण से भी जांच कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि 12 नवंबर की हिंसा के सिलसिले में 11 तथा 13 नवंबर की हिंसा के सिलसिले में 24 अपराध दर्ज किये गये हैं तथा मंगलवार पूर्वाह्न तक कुल 188 लोग गिरफ्तार किए गए।
पुलिस ने सोमवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता अनिल बोंडे एवं 13 अन्य को 13 नवंबर की हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया था। बोंडे के अलावा अमरावती भाजपा की अध्यक्ष निवेदिता चौधरी, शहर के महापौर चेतन गवांडे और भाजपा प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी को गिरफ्तार किया गया। उन सभी को अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।