मिशन 2022 को लेकर समाजवादी विजय रथयात्रा पर निकले अखिलेश यादव पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर ही रथयात्रा निकालेंगे। गाजीपुर में इसकी इजाजत नहीं मिलने पर हुई रार के बाद कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया है। इसे एक दिन के लिए टालते हुए और बड़ा कर दिया गया है। पहले रथयात्रा गाजीपुर से आजमगढ़ तक जानी थी, अब यह लखनऊ तक जाएगी।
अखिलेश को गाजीपुर से आजमगढ़ तक मंगलवार 16 नवंबर को रथयात्रा निकालनी थी। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के कारण इसकी इजाजत नहीं मिली। पुलिस-प्रशासन और सपा नेताओं के बीच रस्साकशी के बाद कोई हल नहीं निकला तो अखिलेश ने गाजीपुर में सभा की तारीख बदल दी। इसके साथ ही आयोजन को और बड़ा करते हुए कई जिलों से जोड़ दिया। लखनऊ से गाजीपुर तक बने एक्सप्रेसवे पर गाजीपुर से लखनऊ तक रथयात्रा जाएगी।
17 नवंबर की सुबह 10 बजे जनसभा के बाद गाजीपुर से रथयात्रा शुरू होगी। जिला प्रशासन से इसकी इजाजत भी मिल गई है। रथयात्रा को लेकर सपा नेताओं ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। गाजीपुर में मुहम्मदाबाद के पखनपुर में जनसभा, एक्सप्रेस-वे पर रोड शो समेत अन्य कार्यक्रम समेत रूट मैप और स्वागत स्थल भी तय हो गए हैं।
इससे पहले अखिलेश के कार्यक्रम की इजाजत नहीं मिलने पर पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह, एमएलसी सुनील साजन, आनंद भदौरिया और संजय लाठर के साथ सपा का प्रतिनिधि मंडल डीएम से मिला। अपने फैसले पर पुनर्विचार का निवेदन किया लेकिन बात नहीं बनी। इस बीच अखिलेश यादव ने लखनऊ में योगी सरकार पर कई हमले किये।
रथयात्रा पर रोक लगने पर लखनऊ में अखिलेश यादव ने कहा कि जहां उनकी यात्रा होनी थी, प्रदेश सरकार ने बोल्डर रखवा दिया है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि गाजीपुर से सुल्तानपुर तक सपा नेताओं को अभी से घरों में कैद किया जा रहा है। उनकी गिरफ्तारी की तैयारी हो रही है।
अखिलेश ने चेताते हुए यह भी कहा कि बसपा सकार में भी यमुना एक्सप्रेसवे पर सपाइयों को रोकने की कोशिश की थी। इसके बाद भी सपाई साइकिल कंधे पर लेकर यमुना एक्सप्रेसवे पर उतरे। सपा के एक्सप्रेसवे पर उतरते ही सपा की सरकार भी बनीं। इस बार भी सपाई कंधे पर साइकिल लेकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर उतरेंगे और सपा की सरकार बनेगी।