पूर्णिया जिले की सरसी पुलिस अगर जिला पार्षद सदस्य अनुलिका सिंह के पति पूर्व जिला पार्षद विश्वजीत कुमार उर्फ रिंटू सिंह के आवेदन को नजरअंदाज नहीं करती तो उसकी जान बच सकती थी। पिछले तीन नवम्बर को सरसी थाना में लिखित आवेदन देते हुए हत्या की साजिश की आशंका जाहिर की थी तथा इस दिशा में गुहार लगायी थी। इससे स्थानीय लोगों ने पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने लगे हैं। पुलिस अगर समय रहते कदम उठाती तो उनकी जान बच सकती थी।
रिंटू सिंह ने ने तीन नवंबर को सरसी थाना में लिखित आवेदन देकर एक नामजद और आधे दर्जन अज्ञात अपराधियों के खिलाफ जानलेवा हमला करने को लेकर मामला दर्ज कराया था। आवेदन में मृतक ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार भी लगाया था और सुरक्षा देने की मांग की थी। मामला दर्ज कराने के पहले पुलिस की टीम को मृतक ने बताया था कि तीन नवंबर को जब वह सरसी से मीरगंज की तरफ जा रहा था तो आशीष नामक व्यक्ति उनसे आकर गाली गलौज करने लगा था। लेकिन वह समय की नजाकत को समझते हुए बाइक को वापस मीरगंज की तरफ ले कर चल दिया था। लेकिन इस दौरान उनके ऊपर जानलेवा हमला भी किया गया, जिसमें वह बाल-बाल बच गया।
पिछले विधानसभा चुनाव के दिन ही कुख्यात अपराधी बिट्टू सिंह के भाई की गोली मारकर सरेआम हत्या कर दी गई थी । इसके ठीक एक साल के बाद शुक्रवार को हुई गोलीबारी की घटना के बाद आसपास के रहने वाले लोग कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं । लोग दबी जुबान में बता रहे हैं कि अपराधी पूर्व जिला परिषद सदस्य मृतक रिंटू सिंह के ही गांव के हैं । लेकिन इस मामले में कोई भी व्यक्ति गवाह देने से भी परहेज कर रहे हैं । दहशत का माहौल इस कदर है कि भीड़ भले ही इकट्ठा है, लेकिन किसी भी तरह की जानकारी लेने पर सभी एक दूसरे से कन्नी काटने लगते है।
पुलिस की टीम मूकदर्शक
थाना से महज कुछ मीटर की दूरी पर पूर्व जिला परिषद सदस्य के ऊपर अपराधियों के द्वारा गोली बरसाए जा रहे थे । लेकिन थाना के अंदर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी एवं अन्य पुलिस की टीम मूकदर्शक की भूमिका में थे । यदि पुलिसकर्मी सक्रिय रहती तो अपराधी पकड़ा सकते थे। लेकिन अपराधियों के द्वारा गोलीबारी की घटना को अंजाम देने के बाद जब काफी दूर निकल गया था तो पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची। तब तक मृतक की मौत हो चुकी थी।
सरसी थानेदार पर रोष
इस मामले को लेकर भी स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है कि एक तो पूर्व में भी पुलिस की टीम को अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मृतक ने आवेदन देकर जानमाल की रक्षा को लेकर हर लगाया था। यदि पुलिस के द्वारा समय रहते कार्रवाई की जाती तो आज ऐसी अप्रिय घटना नहीं होती। स्थानीय लोगों में वर्तमान सरसी थानाध्यक्ष के प्रति नाराजगी थी और उसे हटाने को लेकर भी मांग किया जा रहा था। लोगों का कहना था शिकायत पर कुछ नहीं किया।
बिट्टू सिंह का है रिश्तेदार
अनुलिका सिंह ने सर्वाधिक मतों के अंतर से जिला परिषद की सदस्य चुनी गई थी। बताया जाता है कि अनुलिका सिंह को 8016 मत प्राप्त हुआ था । जबकि उनके प्रतिद्वंदी नागेंद्र सिंह को 2293 वोट प्राप्त हुआ था। कुल 5727 मतों के भारी अंतर से अनुलिका सिंह ने जिला परिषद सदस्य के रूप में सुनी गई थी। बताया जाता है कि मृतक कुख्यात अपराधी बिट्टू सिंह के रिश्तेदार हैं।
विश्वजीत की बदौलत 5723 मतों से जीती पत्नी अनुलिका सिंह
अपराधियों की गोली के शिकार बने धमदाहा प्रखंड के जिला परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र संख्या 10 के पूर्व जिला पार्षद रिंटू सिंह की पत्नी अनुलिका सिंह हाल के दिनों में संपन्न चुनाव में में जीत दर्ज की हैं। मतों के अंतर के मामले में अनुलिका सिंह ने सभी को पीछे छोड़ते हुए 5723 मतों के अंतर से अपने प्रतिद्वंदी नागेंद्र सिंह को हराकर यह जीत हासिल की है। इस चुनाव में पूर्व जिला परिषद सदस्य अनुलिका सिंह के पति विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह की ख्याति का ही कमाल है कि दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी नागेंद्र सिंह को मात्र 2293 मात्र प्राप्त हुआ।
जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष थे रिंटू सिंह
जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा इंदु सिन्हा ने रिंटू सिंह के बर्बर हत्या की भत्र्सना करते हुए पुलिस कप्तान एवं जिलाधिकारी से त्वरित कार्यवाही की मांग की है। पार्टी के नेता एसएम झा जिला प्रवक्ता सह उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी ने पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा है कि नवनिर्वाचित जिला परिषद सदस्या अनुलिका सिंह के पति रिंटू सिंह के हत्या दुखद खबर है। ज्ञातव्य हो र्कि रिंटू सिंह जिला कांग्रेस कमेटी पूर्णिया के उपाध्यक्ष भी हैं। संपूर्ण कांग्रेस परिवार उनके सरेआम हत्या पर रोष प्रकट करते हुए शासन प्रशासन से त्वरित कार्यवाही की मांग की है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस की क्षति है।
आपसी वर्चस्व को लेकर कई सालों से तनातनी
पुलिस के द्वारा किए जा रहे प्रथम दृष्टया अनुसंधान के क्रम में पता चला है कि दो पक्षों के बीच आपसी वर्चस्व को लेकर तनातनी पिछले कई सालों से चल रहा था । बताया जाता है कि मृतक पर भी कई मामले दर्ज हैं । लेकिन अचानक जिला परिषद का सामान्य कोटे का सीट रहने के बावजूद भी वह अपनी पत्नी को जिला परिषद सदस्य के रूप में पंचायत चुनाव लड़ाने के बाद लोगों के द्वारा यह अटकलें लगाई जा रही थी कि कहीं रिंटू सिंह दूसरी राजनीतिक पारी की शुरुआत नहीं करने वाले हैं । हालांकि बिट्टू सिंह के रिश्तेदार रहने की वजह से दूसरे पक्ष के लोगों से अक्सर अनबन और झड़प होता रहता था।
पत्नी से फोन कर कहा 10 मिनट में आते हैं, खुद नहीं लौटे, घर आयी मौत की खबर
मृतक पूर्व जिला परिषद सदस्य रिंटू सिंह ने वर्तमान जिला परिषद क्षेत्र संख्या 10 के जिला परिषद सदस्य पत्नी अनुलिका सिंह को फोन पर कहा था कि वह महज 10 मिनट के अंदर चौक से वापस आ रहा है । लेकिन महज 15 से 20 मिनट के बाद ही पत्नी को पति की हत्या की खबर मिली। घटना सूचना मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बताया जाता है कि अपराधियों ने सबसे पहले सिर में एक गोली मारी थी। जब वह जमीन पर गिर गया तो उनके ऊपर कई गोलियां बरसाई गई। दो गुटों में आपसी वर्चस्व की लड़ाई लेकर पहले भी कई बार विवाद हो चुका था और यही वजह थी कि पत्नी के जिला परिषद सदस्य बनने के बाद वह अपनी जान का खतरा भी बताया था। स्थानीय लोग बताते हैं कि रिंटू सिंह अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय था । यही वजह था कि इस बार के हुए पंचायत चुनाव में पत्नी ने काफी अंतर से जिला परिषद सदस्य का चुनाव जीता था। जिसकी वजह से वह कई लोगों के आंखों में खटकने भी लगा था। हालांकि अभी तक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत हत्या की बात सामने नहीं आ रही है। पूर्व में भी मृतक ने आवेदन में कहा था कि वर्चस्व को लेकर उनकी हत्या की जा सकती है ।