राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर बैठकों के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है। पायलट की इस मुलाकात के बाद गहलोत मंत्रिमंडल में जल्द फेरबदल तय है। इस फेरबदल में क्षेत्रीय व जातीय संतुलन बनाने के साथ पायलट समर्थकों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सचिन पायलट काफी संतुष्ट नजर आए। मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान, सरकार, संगठन तथा राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई है। उन्होंने अपने बिंदु रखे हैं। पायलट ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने एक साल पहले जो समिति बनाई थी, उसका काम पूरा हो गया है। प्रदेश प्रभारी अजय माकन अपनी रिपोर्ट दे रहे हैं।
पायलट ने कहा कि एक साल पहले जो बात उन्होंने रखी थी, आलाकमान उस पर कार्रवाई कर रहा है और जल्द निर्णय लिए जाएंगे। फेरबदल में देरी पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विलंब जरूर हुआ है, प्रदेश प्रभारी मुख्यमंत्री से बात कर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव में 22 माह बचे है, वह चाहते हैं कि मजबूती से चुनाव लड़े और हर पांच साल में सरकार बदलने की परिपाटी तोड़े।
इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात की थी। गहलोत ने कहा था कि फेरबदल पर फैसला उन्होंने पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया है। गहलोत ने प्रियंका गांधी वाड्रा और अजय माकन के साथ भी बैठक की थी। इन मुलाकातों के बाद माना जा रहा है कि गहलोत जल्द फेरबदल कर सकते हैं।
पार्टी राजस्थान में एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला लागू कर सकती है। इससे गहलोत सरकार के तीन मंत्री- रघु शर्मा, हरीश चौधरी और डोटासरा को पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। क्योंकि, तीनों मंत्री संगठन में अहम पद संभाल रहे हैं। इन इस्तीफों के बाद मंत्रिमंडल में 12 जगह खाली हो जाएगी। ऐसे में पायलट अपने करीब आधा दर्जन समर्थकों को गहलोत मंत्रिमंडल में जगह दिला सकते हैं।