पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गृह मंत्रालय ने तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के 54 सदस्यों के नाम रावलपिंडी डिवीजन में आतंकवाद विरोधी अधिनियम, 1997 की चौथी अनुसूची से हटा दिए हैं। यह रिपोर्ट पाकिस्तानी अखबार डॉन ने दी है। रिपोर्ट के मुताबिक इन 54 सदस्यों में से 28 रावलपिंडी, 14 चकवाल, 11 अटोक और एक झेलम से थे। TLP प्रमुख हाफिज मोहम्मद साद का नाम पहले ही आतंकी लिस्ट से हटा दिया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों को छोड़ा गया है उन्हें निगरानी लिस्ट में रखा गया है और ये लोग किसी भी हालात में देश नहीं छोड़ सकते हैं। बता दें कि इस साल अप्रैल में फ्रांस विरोधी प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान सरकार ने TLP पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब नवंबर की शुरुआत में इमरान सरकार ने TLP की प्रतिबंधित स्थिति को रद्द कर दिया था और आतंकवाद विरोधी अधिनियम 1997 की पहली अनुसूची से TLP का नाम हटा दिया। TLP का फ्रांस विरोधी प्रदर्शन हिंसक हो गया था। इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी हो गए थे। इसके बाद हजारों TLP कार्यकर्ता और समर्थकों को हिरासत में लिया गया था।
हाल ही में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने पीएम इमरान खान को लताड़ लगाई है। इमरान खान को कोर्ट ने सेना द्वारा संचालित एक स्कूल पर 2014 के आतंकी हमले की सुनवाई के दौरान सवालों के घेरे का सामना करना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान से पूछा है कि वह सैकड़ों लोगों की मौत के दोषियों के साथ क्यों बातचीत कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा है कि सरकार को बच्चों के माता-पिता की बात सुननी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
बता दें कि 2014 में पेशावर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों ने हमला कर दिया था। उस हमले में 147 लोगों की मौत हो गई थी। मारे गए कुल 147 लोगों में से 132 बच्चे थे।