कोरोना से उबरे लोगों में टीबी की बीमारी सामने आ रही है। दूसरी लहर के बाद बहुत से ऐसे मरीज अस्पताल पहुंचे। इनमें ज्यादातर ऐसे लोग टीबी से ग्रसित हुए जिनका अस्पताल में लंबे समय तक कोरोना का उपचार चला था। कुछ ऐसे भी थे, जिन्हें कोरोना होने के बाद उनकी टीबी की बीमारी फिर से उभर आई।
शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल के श्वसन रोग विभाग के निदेशक डॉ. विकास मौर्या ने बताया कि कोरोना से ठीक होने वाले दस मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई थी। इनमें तीन मरीजों का कोविड का लंबे समय तक आईसीयू में उपचार चला था। तीन ऐसे थे जिन्हें करीब दस साल पहले टीबी हुआ था। लेकिन कोरोना होने के बाद पुरानी बीमारी फिर उभर आई।
ऐसे करें बचाव
-कोरोना से ठीक होने के बाद संतुलित आहार जरूर लें।
-खान-पान की चीजों में प्रोटीन को जरूर शामिल करें।
-फेफड़ों को बेहतर बनाने वाले शारीरिक व्यायाम करें।
-योग-ध्यान को अपनाएं।
ये थे कारण
कोविड से ठीक होने के एक महीने बाद भी काफी मरीजों को टीबी हुआ।
जानें लक्षण
●वजन का कम होना
●शाम के समय हल्का बुखार महसूस करना
● खांसी का बने रहना
●मुंह से खून आना
●भूख कम लगना
100 में से छह मरीज होते थे टीबी के इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर के इंटरनल मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉ. राजकुमार का कहना था कि ओपीडी में पोस्ट कोविड के 100 मरीजों में से छह में टीबी होने की पुष्टि की दर रही है।
20 से लेकर 65 वर्ष वाले शामिल
अपोलो अस्पताल के श्वसन रोग विभाग के डॉ. राजेश चावला ने बताया कि उन्होंने कोरोना के बाद टीबी होने वाले करीब नौ मरीजों का उपचार किया। स्टेरॉयड का अधिक सेवन और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की वजह से इन मरीजों को टीबी हुआ था। टीबी वाले मरीजों की उम्र 20 से लेकर 65 वर्ष के बीच थी। कोविड से ठीक होने के एक महीने बाद भी काफी मरीजों को टीबी हुआ।