पूर्णिया जिले की किशनगंज पुलिस ने बुधवार की देर शाम फरिंगोरा चेक पोस्ट के पास एनएच 27 पर एक ट्रक से भारी बड़ी मात्रा में गांजा जब्त किया है। गांजा का वजन करीब 599 किलोग्राम से अधिक है। जब्त गांजा का अनुमानित बाजार मूल्य लगभग एक करोड़ पच्चीस लाख रुपये आंका गया है।
जब्त गांजा के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। पकड़ा गया युवक मोती मोदी कटिहार जिले के पोठिया का रहने वाला है। गांजा को ट्रक संख्या डब्लूबी 23डी 3230 में चदरे के नीचे बने तहखाने में छिपा कर ले जाया जा रहा था। गांजा त्रिपुरा से कटिहार ले जाया जा रहा था।
गुरुवार को एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी ने बताया कि बंगाल से एक ट्रक में अवैध रूप से गांजा लोड कर बिहार लाया जा रहा था। सूचना मिलने पर विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने फरिंगगोरा चेक पोस्ट के आस-पास टाटा डीसीएम वाहन संख्या डब्ल्यू बी23डी3230 को रोकने का प्रयास किया। पुलिस को देखकर चालक तेजी से वाहन को भगाने लगा। टीम ने वाहन का पीछा करते हुए फारिंगगोरा से करीब 500 मीटर आगे उसे पकड़ लिया।
डाला के ऊपर लोहे की चदरा डाल बनाया गया था तहखाना
जब्त ट्रक की जांच पड़ताल कि गई तो ट्रक के डाला के ऊपर लोहे का चदरा को पेंच से टाइट कर एक तहखाना बनाया गया था। उक्त चदरे को खोलने के बाद गांजा के कई पैकेट विभिन्न अकार के रखे मिले।
ट्रक के केबिन में मिले दो नंबर प्लेट
जांच के क्रम में जब्त ट्रक के केबिन से दो नंबर प्लेट मिले हैं। टीम जब्त नंबर प्लेट की भी पड़ताल कर रही है। टीम में शामिल पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा। छापेमारी टीम में एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी, सदर थानाध्यक्ष सतीश कुमार हिमांशु, प्रशिक्षु दारोगा कुणाल कुमार, विद्यासागर राय, हवलदार गुप्तेश्वर कुमार राम, तकनीकी सेल के प्रमोद कुमार, मुन्ना कुमार शामिल थे।
गांजा तस्करी में बड़ा गिरोह शामिल, वाहन का नंबर भी फर्जी निकला
बड़ी मात्रा में गांजा जब्ती मामले में तस्करी का एक बड़ा गिरोह सक्रिय था। सदर थाना में इससे पूर्व इतनी बड़ी मात्रा में गांजा की जब्ती नहीं हुई थी। ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि शराबदी के बाद गांजा के कारोबारी बिहार के दूसरे जिलों में भी नशे के लिए गांजा को बिहार के दूसरे जिलों में खपाए जाने की फिराक में थे।
गांजा के कारोबारी भी इतने शातिर थे कि जिस ट्रक में गांजा ले जाया जा रहा था उस ट्रक का नंबर भी फर्जी था। जब पुलिस ने उस नंबर के ट्रक मालिक से संपर्क साधा तो पुलिस भी हैरान रह गई। कहा गया कि इस नंबर के ट्रक को हमारे द्वारा उस ओर भेजा ही नहीं गया है।
इससे पुलिस भी हैरान रह गई और नंबर के फर्जीवाड़े का भी खुलासा हुआ। पुलिस इस बिंदु पर बारीकी से पड़ताल कर रही है। ट्रक में मिले दो नंबर प्लेट का भी मामला हैरान कर देने वाला है। पुलिस नंबर के फर्जीवाड़े की भी पड़ताल कर रही है। पुलिस पकड़े गए यूवक से पूछताछ कर रही है।
पुलिस यह पड़ताल कर रही है कि जब्त मादक पदार्थ की डिलिवरी किसे दी जाने वाली थी। इस रैकेट में और कौन से लोग शामिल हैं यह पड़ताल की का रही है। इससे पूर्व कब कब इस गिरोह के द्वारा इस कार्य को अंजाम दिया गया होगा। मामले की गहराई से पड़ताल के बाद कई अन्य मामले का भी उदभेदन हो सकता है।