उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सत्ता की जंग तेज हो गई है। भाजपा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा ने पूर्वांचल में पूरी ताकत झोंक दी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ आज वाराणसी में हैं। वे कल आजमगढ़ रहेंगे और बस्ती जाएंगे। उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 13 नवम्बर को गोरखपुर से कुशीनगर तक रथयात्रा करेंगे। वे पूर्वांचल के कई अन्य जिलों का भी दौरा करेंगे।
इस बीच शुक्रवार दोपहर अखिलेश ने एक ट्वीट के जरिए भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि उत्तर प्रदेश में अपनी हार सामने देखकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में खलबली मच गयी है, इसीलिए हर हफ़्ते कोई न कोई दौड़ा चला आ रहा है। उप्र में भाजपा की हार का डर जितना बढ़ेगा, उतने ही उप्र में भाजपा के नेताओं के दौरे भी बढ़ेंगे। जाहिर है, अखिलेश हाल में हुए पीएम मोदी के दौरों, शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और शुक्रवार को ही तीन दिवसीय दौरे पर लखनऊ आए राजनाथ सिंह के कार्यक्रम को लेकर बीजेपी को घेर रहे हैं। अखिलेश ने पूर्वांचल में बीजेपी की घेराबंदी के लिए सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर से हाथ मिलाया है। वह लगातार यूपी के अन्य छोटे-छोटे राजनीतिक दलों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
उधर, भाजपा भी पूर्वांचल में 2017 का इतिहास दोहराने के लिए सारे जतन कर रही है। हाल में पीएम मोदी ने कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण किया तो सिद्धार्थनगर से नौ मेडिकल कालेजों का। पीएम मोदी वाराणसी और लखनऊ भी आ चुके हैं। 16 नवम्बर को वे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे। सरकार की तैयारी इस मौके पर यहां वायुसेना के लड़ाकू विमान उतारने की है। ऐसा करके योगी सरकार, एक तरह से अखिलेश यादव को जवाब भी देगी जो यमुना एक्सप्रेस वे पर फाइटर प्लेन के उतरने का उल्लेख कर अक्सर गुणवत्ता के मोर्चे पर घेरने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा बीजेपी अयोध्या में राममंदिर निर्माण को मुद्दे को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
पूर्वांचल से गुजरेगा यूपी की सत्ता का रास्ता
कहते हैं कि देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है तो वहीं यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश की सत्ता का रास्ता पूर्वांचल से गुजरता है। इसी सोच के तहत भाजपा ने पूर्वांचल में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यूपी की 33 प्रतिशत सीटें पूर्वांचल से आती हैं। इसके 28 जिलों में 164 विधानसभा सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां से 115 सीटें मिली थीं। जबकि सपा को 17, बसपा को 14, कांग्रेस को दो और अन्य को 16 सीटें मिली थीं। जाहिर है, 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से सर्वाधित सीटें जीती थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जिला गोरखपुर और पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी पूर्वांचल में है। भाजपा की कोशिश इस बार 2017 के इतिहास को दोहराने के साथ ही 2024 के लिए माहौल बनाने की भी है। इधर, लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों का आंदोलन गर्म है। जानकारों का कहना है कि इस वजह से भी भाजपा ने पूर्वांचल पर अपना फोकस बढ़ा दिया है।