महाराष्ट्र में अहमदनगर जिला अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में आग लगने से कोविड-19 के 11 मरीजों की मौत हो जाने के तीन दिन बाद अहमदनगर पुलिस ने एक महिला चिकित्सा अधिकारी और तीन नर्स को लापरवाही बरतने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार किया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
अहमदनगर (ग्रामीण क्षेत्र) के पुलिस अधीक्षक मनोज पाटिल ने बताया कि चिकित्सा अधिकारी डॉ विशाखा शिंदे और नर्स सपना पाथरे, आस्मा शेख तथा चन्ना अनंत को घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘डॉ विशाखा शिंदे छह नवंबर को अस्पताल में ड्यूटी पर थीं, लेकिन वह घटना की सूचना देने में नाकाम रहीं।
जहां तक तीनों नर्स की बात है, जांच में यह खुलासा हुआ है कि वे आग लगने के समय आईसीयू से बाहर थीं।’ उन्होंने कहा कि किसी नर्स की यह प्राथमिक जिम्मेदारी होती है कि आईसीयू में आग लगने पर वह मरीजों की सुरक्षा करे। पाटिल ने कहा कि मरीजों के रिश्तेदार अपने प्रियजनों को बचाने के लिए आईसीयू की ओर दौड़े, जबकि ये नर्स इंतजार करती रहीं।
घटना के बाद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जांच के आदेश दिए और मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी। ठाकरे के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री ने इस घटना के बारे में पता चलते ही जिला संरक्षक मंत्री हसन मुश्रीफ और मुख्य सचिव सीताराम कुंटे से बात की और उनसे जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के लिए कहा।