दिल्ली में शनिवार को तेज हवाएं चलने से वायु गुणवत्ता में आंशिक सुधार हुआ और अगले दो दिनों में हवा और साफ होने की उम्मीद है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समीर ऐप के अनुसार, शनिवार सुबह आठ बजे शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 449 दर्ज किया गया, जो कि ‘गंभीर’ श्रेणी के तहत आता है। शुक्रवार को यह 462 था।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, प्रतिबंध के बावजूद गुरुवार को दिवाली के मौके पर खूब पटाखे चलने और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि की वजह से त्योहार के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता पिछले पांच साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गुरुवार रात ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया और शुक्रवार सुबह तक इसमें और बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 462 तक पहुंच गया।
मौसम विभाग ने तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है, जिससे शनिवार को शहर की आबोहवा को प्रदूषक कणों से मुक्त होने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों ने बताया कि मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों, मंद हवा और कम तापमान के बीच पटाखे, पराली जलाने और स्थानीय स्रोते से उत्सर्जन की वजह से वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई।
उल्लेखनीय है कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने बताया कि पराली जलाने की वजह से शुक्रवार को दिल्ली के प्रदूषण में पीएम 2.5 का योगदान 36 प्रतिशत था, जो कि अब तक का सबसे ज्यादा है। दिल्ली में शनिवार सुबह ठंड रही और न्यूनतम तापमान 14.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के हिसाब से सामान्य है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को बताया कि सुबह आंशिक बादल और छाए रहेंगे और मध्यम धुंध छाया रहेगा। वहीं, दिन में तेज हवा चलेगी। अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। सुबह साढ़े आठ बजे हवा में नमी का स्तर 78 फीसदी दर्ज किया गया।