भारत ने श्रीलंका को 100 टन नैनो नाइट्रोजन फर्टिलाइजर भेजे हैं। इससे पहले चीन ने फर्टिलाइजर भेजे थे लेकिन वह दूषित थे जिसके बाद श्रीलंका ने चीनी ऑर्गनिक फर्टिलाइजर के शिपमेंट पर रोक लगा दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे चीन नाराज हो गया था। बदले की कारवाई में चीन ने पीपल्स बैंक ऑफ श्रीलंका को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। बता दें कि पीपल्स बैंक ऑफ श्रीलंका, श्रीलंका का दूसरा सबसे बड़ा कमर्शियल बैंक है।
श्रीलंका सरकार के अनुरोध के बाद भारतीय वायु सेना के दो ग्लोबमास्टर विमान 4 नवंबर को फर्टिलाइजर की सप्लाई की थी। कोलंबो स्थित भारतीय हाई कमीशन ने एक प्रेस रिलीज में कहा है कि सप्लाई ऑर्गनिक खेती की दिशा में श्रीलंका सरकार की पहल का समर्थन करने और श्रीलंकाई किसानों को नैनो नाइट्रोजन फर्टिलाइजर की उपलब्धता में तेजी लाने के लिए थी। इस मिशन के लिए भारतीय और श्रीलंकाई वायुसेना ने मिलकर काम किया है जिसके कारण फर्टिलाइजर की तुरंत सप्लाई हो सकी है।
यह पहली बार नहीं है कि नई दिल्ली अपनी ‘पड़ोसी पहले’ और ‘फर्स्ट रेस्पोंडर’ नीति के तहत कोलंबो पहुंची है। भारतीय नौसेना और तटरक्षकों ने कई बार श्रीलंकाई संकटों का तुरंत जवाब दिया है। एमटी न्यू डायमंड और एमवी एक्सप्रेस पर्ल में आग पर काबू पाना इसके ताजा उदाहरण हैं।
भारत ने INS शक्ति के जरिए कोविड महामारी की चौथी लहर के दौरान 100 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भेजी थी। भारत ने कोविड काल में टीके और दवाओं से भी श्रीलंका की मदद की है। भारत ने वैक्सीन की 10 लाख खुराक भी दी है जिसमें से 50 फीसद भारत ने गिफ्ट दिया था।