दिल्ली में कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है और तीसरी लहर कभी भी आ सकती है। इसे देखते हुए आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। दिल्ली कैबिनेट ने आपात कोविड-19 (COVID-19) प्रतिक्रिया पैकेज (ईसीआरपी) के तहत 1,544 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। इस राशि का इस्तेमाल महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को आपातकालीन कोविड-19 प्रतिक्रिया पैकेज के तहत स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए 1,544 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी ताकि संभावित तीसरी लहर के लिए तैयार किया जा सके।
केजरीवाल ने कहा कि कैबिनेट इस बारे में एकमत थी कि कोरोना (वायरस) अभी खत्म नहीं हुआ है और तीसरी लहर आ सकती है, इसलिए कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रण व रोकथाम के संबंध में किसी तरह की हिचक नहीं होनी चाहिए। इस दिशा में दिल्ली कैबिनेट ने राज्य ईसीआरपी 2021-22 के लिए 1,544.24 करोड़ रुपये के बजट को आम सहमति से मंजूरी दे दी, ताकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर आने की संभावना के मद्देनजर दिल्ली सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने और हर स्तर पर तैयारी करने के लिए अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार सरकार के रूप में, हम कोविड के खिलाफ इस लड़ाई में आवश्यक सभी उपाय और कदम उठा रहे हैं। कोविड की संभावित लहर के आगमन को देखते हुए, दिल्ली सरकार हर स्तर पर अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों और तैयारियों को मजबूत करने की पूरी कोशिश कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, यह राशि टेस्ट और लैब को और बढ़ाने, दवाओं और उपकरणों की खरीद, अतिरिक्त मानव संसाधन जुटाने, अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने और कोविड देखभाल केंद्रों के प्रबंधन पर खर्च किया जाएगा।
सरकार ने एक बयान में कहा कि कुल बजट में से, 415 करोड़ रुपये का उपयोग COVID-19 टेस्ट और लैबों को मजबूत करने के लिए किया जाएगा। 445 करोड़ रुपये उपकरणों की खरीद के लिए आवंटित किए जाएंगे। 280 करोड़ रुपये के बजट से स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों को मजबूत करने में मदद मिलेगी। 125 करोड़ रुपये की राशि जो कोविड देखभाल केंद्रों के प्रबंधन में सहायता करेगी।
यह भी बताया गया है कि विशेषज्ञ दिल्ली समेत पूरे भारत में भारत में COVID-19 की तीसरी लहर आने की आशंका जता रहे हैं, जो COVID-19 के पहले के मामलों से भी बड़ी हो सकती है। इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार ने दिल्ली में COVID-19 की संभावित तीसरी लहर के प्रबंधन की तैयारी के लिए राज्य नोडल अधिकारी और कई कार्य-आधारित उप समितियों के तहत एक राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया था।
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के सात अस्पतालों में 6,836 आईसीयू बेड जोड़े जाएंगे, जिसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में आईसीयू बेड की क्षमता बढ़कर 17,000 हो जाएगी।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में तीसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन का संकट पैदा न हो, सरकार ऑक्सीजन के मामले में दिल्ली को आत्मनिर्भर बना रही है। दिल्ली सरकार द्वारा अस्पतालों में 77.80 मीट्रिक टन क्षमता वाले 73 पीएसए प्लांट्स स्थापित किए जा रहे हैं। सभी प्लांट्स नवंबर के अंत तक चालू हो जाएंगे।
दिल्ली में कोविड-19 के 32 नए मरीज मिले, महामारी से किसी की मौत नहीं
दिल्ली में शुक्रवार को कोविड-19 से किसी की मौत नहीं हुई और पिछले एक दिन में संक्रमण के 32 नए मामले सामने आए। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, संक्रमण की दर 0.14 प्रतिशत है। अब तक संक्रमण के 14,40,035 मामले सामने आ चुके हैं और 14.14 लाख से अधिक लोग कोविड से पीड़ित होने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। दिल्ली में महामारी से अब तक 25,091 मरीजों की मौत हो चुकी है।