हिमाचल प्रदेश की जुब्बल कोटखाई सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रोहित ठाकुर को जीत मिली है। उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी चेतन बरागटा के मुकाबले 6103 वोटों से जीत मिली है। बरागटा भाजपा से बगावत करके चुनावी समर में उतरे थे। कहा जा रहा है कि उनकी बगावत के चलते ही भाजपा की उम्मीदवार नीलम सेरैक तीसरे नंबर पर पहुंच गईं। यही नहीं उनकी जमानत भी जब्त हो गई है। दरअसल चेतन बरागटा के पिता नरेंद्र बरागटा जुब्बल कोटखाई सीट से विधायक थे, लेकिन कोरोना संक्रमण से पीड़ित होने के चलते उनकी जून में मृत्यु हो गई थी।
पिता की मौत के बाद इस सीट से चेतन बरागटा टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने उनके स्थान पर नीलम सेरैक को मौका दिया। इस बीच अर्की सीट से भी कांग्रेस ही आगे चल रही है। इसके अलावा मंडी लोकसभा सीट से राज्य के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह आगे चल रही हैं। यह सीट भाजपा के सांसद रहे रामस्वरूप शर्मा की मृत्यु के बाद खाली हुई थी। ऐसे में भाजपा को हिमाचल में करारा झटका लग सकता है। एक तरफ कांग्रेस मंडी लोकसभा सीट भाजपा से छीनने की तैयारी में है तो वहीं जुब्बल कोटखाई सीट भी अपने नाम कर ली है।
विधानसभा चुनाव पर होगा सीधा असर
हालांकि कांगड़ा जिले की फतेहपुर सीट पर भाजपा के लिए अच्छी खबर है। यह सीट अब तक कांग्रेस के पास थी, लेकिन अब भाजपा इसे जीतती दिख रही है। फतेहपुर सीट से कांग्रेस विधायक बलदेव ठाकुर के निधन के कारण यहां उपचुनाव हुआ था। मंडी में लगभग 57.73 प्रतिशत यानी 735401 जबकि फतेहपुर में 66.20 प्रतिशत यानि 56616, अर्की में 64.97 प्रतिशत यानि 59874 और जुब्बल-कोटखाई में 78.55 प्रतिशत यानि 55717 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में अगले साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इन चुनावों के नतीजे विधानसभा इलेक्शन पर भी असर डालेंगे।