लखीमपुर खीरी जिले में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में हत्या के आरोपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष की जमानत याचिका पर सुनवाई 15 नवंबर तक के लिए टाल दी गई है। जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने बुधवार को बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा की अदालत ने आशीष तथा दो अन्य आरोपियों लवकुश राणा और आशीष पांडे की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई आगामी 15 नवंबर तक के लिए टाल दी है।
यह तीनों जिले के तिकोनिया इलाके में तीन अक्टूबर को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार कृषकों की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए हैं। इनके अलावा 10 अन्य अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इस घटना में कुल आठ लोगों की मौत हुई थी। त्रिपाठी ने बताया कि आशीष मिश्रा, लवकुश राणा और आशीष पांडे की जमानत याचिकाओं पर बुधवार को अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान बचाव पक्ष के वकीलों ने अभियोजन पक्ष से इस मामले में मारे गए श्यामसुंदर निषाद के पुलिस हिरासत में होने संबंधी एक तस्वीर पर स्पष्टीकरण मांगने संबंधी एक अर्जी दायर की।
उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष ने उस तस्वीर की प्रामाणिकता पर आपत्ति जाहिर की। अदालत ने इस मामले में अभियोजन पक्ष से स्थिति रिपोर्ट तलब की। अभियोजन पक्ष ने अभी कुछ फॉरेंसिक रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने का हवाला देते हुए अदालत से 15 दिन का समय मांगा था। त्रिपाठी ने बताया कि जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अदालत को अपने सदस्य सुखसागर लाल के निधन की वजह से कार्य से विरत रहने की सूचना दी, जिसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा ने मामले की सुनवाई 15 नवंबर तक के लिए टाल दी।
ज्ञातव्य है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का किसानों द्वारा विरोध के दौरान हुई हिंसा में चार काश्तकारों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष तथा 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। आशीष को पिछली नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में अब तक 13 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है।