दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कोरोना के लिए आरक्षित बेड में से एक तिहाई का इस्तेमाल डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के इलाज के लिए किया जा सकेगा। राजधानी में बढ़ते डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के केस को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने यह आदेश जारी किया है। इससे पहले 18 अक्तूबर को भी कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित बेड की संख्या में कमी का आदेश जारी किया गया था।
लोकनायक अस्पताल (एलएनजेपी) में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित 700 बेड की संख्या घटाकर 450 कर दी गई थी। राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कोरोना के लिए आरक्षित 600 बेड की संख्या घटाकर 350 कर दी गई थी। साथ ही आदेश दिया गया था कि 100 बेड या इससे ऊपर की क्षमता वाले निजी अस्पताल और नर्सिंग होम अपनी कुल बेड क्षमता के 30 प्रतिशत की जगह केवल 10 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रख सकते हैं।
नए आदेश के अनुसार, अब मौजूदा समय में इन कोरोना बेड में से भी एक तिहाई पर डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों का इलाज हो सकेगा। कोविड महामारी के बाद अब डेंगू के ‘डंक’ ने परेशानी बढ़ा दी है। डेंगू को लेकर दो साल पहले जैसी स्थिति दिख रही है। 2019 में देश में डेंगू के सबसे ज्यादा केस रिपोर्ट हुए थे। 2019 में अक्तूबर तक देशभर में डेंगू के 1.14 लाख मामले दर्ज किए गए थे। इस साल अब तक 85 हजार मामले मिल चुके हैं।