मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा की वेबसीरीज आश्रम के खिलाफ संत समाज आगे आता जा रहा है। अखिल भारतीय संत समिति ने भोपाल में प्रेस कांफ्रेंस कर आश्रम के नाम व कहानी (स्क्रिप्ट) को सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश बताया। समिति ने चेतावनी दी कि इसका विरोध करने वाले बजरंग दल के जिन कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की गई है, उन्हें तत्काल रिहा किया जाए। संत समाज ने वेबसीरीज का नाम व कहानी नहीं बदलने तथा बजरंग दल कार्यकर्ताओं की रिहाई नहीं होने पर सड़क पर उतरकर गिरफ्तारी देने की चेतावनी दी है। दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि बजरंग दल द्वारा आश्रम की शूटिंग के दौरान विरोध में शामिल सुशील सुडेले व राजकुमा चौरसिया के हत्या के मामले में सजा पाने के बाद जमानत पर हैं। चौरसिया हत्या के मामले में सजा पा चुका है फिर नगर निगम के जोनल 11 में सुपर वायजर है जो सिविल सेवा आचरण नियम 1961 और नगर पालिका अधिनियम 1960 के खिलाफ है।
अखिल भारतीय संत समिति के महंत राम प्रवेश दास महाराज और महंत रविंद्र दास महाराज सहित कई संत भोपाल के मानस भवन में प्रांतीय बैठक के लिए जुटे और आश्रम वेबसीरीज के नाम व कहानी के खिलाफ फैसले लिए। बाद में पत्रकारों से चर्चा में गुफा मंदिर के महंत राम प्रवेश दास महाराज ने आश्रम वेबसीरीज के नाम व कहानी को आपत्तिजनक बताया। उन्होंने कहा कि संतों को वेबसीरीज के आश्रम नाम पर आपत्ति है। उन्होंने कहा कि आश्रम के नाम पर किसी को भी फिल्म या वेबसीरीज बनाने का अधिकार नहीं है। अगर बनाना ही था तो देश के विद्वानों की राय जानकर आश्रम में क्या हुआ और क्या अच्छा हो रहा है, उसे दिखाया जाता।
बजरंग दल-आरएसएस गुंडा नहीं, दिग्विजय को बताया सबसे बड़े धर्मात्मा
गुफा मंदिर के महंत राम प्रवेश दास महाराज ने कहा कि बजरंग दल या आरएसएस या कांग्रेस या भाजपा कोई गुंडा नहीं है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सबसे बड़ा धर्मात्मा बताया। उन्होंने दिग्विजय सिंह की पत्नी के साथ की गई नर्मदा परिक्रमा की तारीफ की। कहा कि अगर दिग्विजय सिंंह को भी आश्रम की कहानी बताई जाती तो वे भी उसे फिल्माये जाने से मना कर देते।
राजनीतिक दल चाहें तो राम-रहीम पैदा नहीं हों
अखिल भारतीय संत समिति ने कहा कि कांग्रेस-भाजपा नहीं सभी राजनीतिक दल चाहे तो ऐसा कुछ नहीं हो। राम-रहीम पैदा ही नहीं हों। आश्रम के दो पार्ट बन जाने के बाद तीसरे पार्ट पर आपत्ति के सवाल को लेकर राम प्रवेश महाराज ने कहा कि देश के बंटवारे में जिस तरह लोगों को बाद में बताया गया, उसी तरह आश्रम के दो पार्ट के दौरान हुआ। किसी को जानकारी नहीं थी।
देश के बंटवारे से जोड़ा
महंत राम प्रवेश दास महाराज ने कहा कि सरकार को पहले आश्रम फिल्म के कथानक को देखना चाहिए था और फिर अनुमति देना थी। मगर देश का बंटवारा भी सरकार ने ही तो किया था। उस समय जो लोग थे और उस समय जो कांग्रेस थी, उन लोगों ने लोगों को बिना बताए देश बांटा फिर जब वोटिंग कराई गई तो कई उसके समर्थन में नहीं रहे। बंटवारे में खून-खराबा हुआ। उस समय भी अन्याय हुआ था और अभी भी सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए वैसी ही किया जा रहा है।
मांगें नहीं मानी तो सड़क पर उतरेंगे
अखिल भारतीय संत समिति ने चेतावनी दी है कि आश्रम के नाम पर कोई शूटिंग नहीं होना चाहिए। साथ ही उसकी कहानी को भी बदला जाना चाहिए। आश्रम शूटिंग का जिन लोगों ने विरोध किया और जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उन्हें रिहा किया जाए, अन्यथा साधु सड़क पर उतर कर गिरफ्तारी देंगे। महंत राम प्रवेश दास महाराज ने चेतावनी दी कि जब अधर्म के लिए साधु का वेष बनाकर जानकी का रावण ने अपहरण किया था तो क्या धर्म के लिए साधु संत जान नहीं दे सकता।