राजधानी में अब दिल्ली जल बोर्ड द्वारा ही घरेलू पानी का कनेक्शन लगाया जाएगा। इससे बिचौलियों से निजात मिलेगी और दूषित पानी की समस्या भी दूर की जा सकेगी। जलमंत्री और दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बोर्ड बैठक में इसका फैसला लिया गया।
दिल्ली में अभी तक पानी के सप्लाई पाइप से कनेक्शन लेने का काम बिचौलियों के माध्यम से उपभोक्ता द्वारा खुद कराया जाता रहा है। इसके चलते पाइपलाइन के जोड़ों से पानी के रिसाव और पानी के दूषित होने तक की समस्या आने की बात कही जाती रही है।
दिल्ली जल बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में इस समस्या को दूर करने के लिए बिचौलियों को हटाने का फैसला लिया गया। अब दिल्ली जल बोर्ड सभी उपभोक्ताओं को घरेलू पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराएगा। इसमें पानी की पाइप लाइन बिछाना और उपभोक्ता के घर पर मीटर लगाना शामिल है।
जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि इससे दूषित पानी की समस्या से निजात मिलेगी और अनाधिकृत कनेक्शन की संख्या कम होंगे। इसकी वजह से दिल्ली जल बोर्ड के नेटवर्क में काम करने वाले मीटरों की संख्या में वृद्धि होगी। नई नीति के मुताबिक दिल्ली जल बोर्ड मौजूदा कॉलोनियों में पुरानी पाइप लाइनों को ठीक करने के साथ-साथ आने वाली कॉलोनियों में मीटर के साथ पानी के नए कनेक्शन लगाएगा।
नए कनेक्शन के लिए शुल्क भी निर्धारित
बोर्ड बैठक में ए, बी व सी श्रेणी के तहत आने वाली कॉलोनियों के लिए चार हजार रुपये की लागत को मंजूरी दी है। जबकि, डी और ई श्रेणी के लिए दो हजार रुपये और एफ, जी व एच श्रेणी की कॉलोनियों और गांवों के लिए एक हजार रुपये की दर को मंजूरी दी गई है। जबकि, व्यावसायिक कनेक्शनों के लिए दर घरेलू श्रेणी से दोगुनी अर्थात आठ हजार, चार हजार और दो हजार रुपये होगी।
ओखला में लगेगा बीस एमजीडी क्षमता का आरओ प्लांट
बैठक में जल मंत्री ने ओखला में 20 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रति दिन) की क्षमता के आरओ प्लांट लगाने की परियोजना को मंजूरी दे दी है। योजना के तहत रोजाना 20 एमजीडी पीने योग्य पानी का वितरण किया जाएगा जो कि पाइपलाइन के जरिए लोगों के घरों में पहुंचाया जाएगा। इस आरओ प्लांट में पानी की आपूर्ति झीलों और भूजल से की जाएगी। जमीन से पानी सिर्फ उन इलाकों से निकाला जाएगा जहां पानी का स्तर ऊपर है। परियोजना को मई 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दिल्ली की आठ से दस विधानसभा क्षेत्र के लोगों को इस परियोजना से राहत मिलेगा।
पानी-सीवरेज पर शिकायतें दूर करेगी जोन व वार्ड कमेटी
बोर्ड बैठक में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को मिलाकर वार्ड और जोन स्तर पर जल एवं सीवेज समिति के गठन को मंजूरी दी गई है। यह समिति दो स्तर पर होगी। वार्ड स्तरीय समिति में सात सदस्य होंगे जबकि, जोनल समिति में 12 सदस्य होंगे। आम लोगों को सरकारी सुविधाओं का पूर्ण लाभ पहुंचाने, लोगों की शिकायतों को दूर करने और संचार केंद्र की भूमिका निभाने में इनका योगदान होगा।
तीन साल में सभी रिहायशी कॉलोनियों में सीवर लाइन
बैठक में तीन साल की अवधि में सभी रिहायशी कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाने पर प्रतिबद्धता जताई गई। संगम विहार में सीवर लाइन बिछाने के काम को मंजूरी मिल गई है। जबकि, शाहबाद की कॉलोनियों, सारंगपुर, गालिबपुर, काजीपुर और खेरा डाबर की कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाने और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इस कार्य को दो साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दिल्ली सरकार 153 करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों को नए तरीके से विकसित करेगी।
वर्षा जल संचयन में दो स्लैब
वर्षा जल संचयन सिस्टम लगाने के लिए दिए जाने वाली वित्तीय सहायता के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। अब केवल दो श्रेणियों को रखा गया है। 500 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले घरों के लिए 25 हजार रुपये और 500 मीटर से ज्यादा क्षेत्रफल वाले मकानों के लिए 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, यमुना नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए 14 सीवेट ट्रीटमेंट प्लांट में ऐसे उपकरण (एरेशन तंत्र) लगाए जाएंगे जिनसे पानी गुणवत्ता में सुधार होगा।