कोरोना महामारी के दौरान एक व्यापारी ने बाजार से तकिए और गद्दा बनाने का कच्चा माल उठाया, लेकिन वह उसका पेमेंट धीरे-धीरे ही कर सकता था। मामला थाने में पहुंचा तो थानाधिकारी जांच के बहाने रुपयों की मांग करने लगे।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने जयपुर के बगरू थानाधिकारी रतनलाल को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि बगरू थाने के इंस्पेक्टर रतनलाल के खिलाफ व्यापारी घनश्याम ने शिकायत दी थी कि वह गद्दा और तकिया का व्यापार करता है। किसी अन्य व्यापारी से कच्चा माल उठाने के बाद उसका पेमेंट वह समय पर नहीं कर सका। लेकिन धीरे-धीरे वह उसका पेमेंट कर रहा था।
इसी दौरान अन्य व्यापारी ने उसके खिलाफ थाने में परिवाद दर्ज करवा दिया। इसके बाद एसएचओ रतनलाल उसे गिरफ्तार नहीं करने के बदले में 21 हजार रुपए की रिश्वत मांग कर रहे हैं। शिकायत सत्यापन में सही पाए जाने पर एसीबी ने ट्रेप आयोजित किया। घनश्याम ने जैसे ही एसएचओ रतनलाल को 10 हजार रुपए दिए, एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। व्यापारी 15 हजार रुपए पहले ही दे चुका था। आरोपी ने घूस में 4 तकिए भी लिए थे, जो घर की तलाश में बरामद किए गए हैं।
फार्मेसी काउंसिल का लिपिक दबोचा
दूसरी कार्रवाई, एसीबी की टीम ने राजस्थान फार्मेसी काउंसिल के कनिष्ठ लिपिक को पकड़ने में की। एसीबी के एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि परिवादी ने शिकायत दी थी कि जगतपुरा के केन्द्रीय विहार(द्वितीय) का रहने वाला आरोपी विष्णुदत्त शर्मा बी.फार्मा का रजिस्ट्रेशन करने की एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। इस पर आरोपी ने 40 हजार में सौदा तय किया। एसीबी ने जाल बिछाया और आरोपी को रिश्वत की पहली किस्त दस हजार रुपए लेते हुए उसके कार्यालय में दबोच लिया।