राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने राज्य की कैबिनेट में दलितों को शामिल किए जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने राजस्थान में लंबे समय से खाली पड़े राजनीतिक पदों को भी भरने की मांग की है। सचिन पायलट बुधवार को जयपुर के नजदीक चाकसू में भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का लोकार्पण कर रहे थे। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने भंवरलाल मेघवाल को याद करते हुए कैबिनेट में दलित मंत्री की जरूरत बताई। यह पहली बार है जब सचिन पायलट ने किसी सार्वजनिक मंच से इस तरह की मांग की है। वहीं आमंत्रण के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटसरा कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।
भंवरलाल के बहाने बताई दलित मंत्री की जरूरत
इस दौरान पायलट ने कहा कि हम भाजपा की तरह नहीं है जो सिर्फ वोट के लिए महान दलित नेताओं की पूजा करती है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इस दौरान सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा दलितों के कल्याण के लिए काम किया है। मेघवाल का पिछले साल नवंबर में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। सचिन पायलट ने कहा कि भंवरलाल मेघवाल ने दलितों की बेहतरी के लिए बहुत कुछ किया। उनकी मौत के बाद कैबिनेट में दलित मंत्री की जगह खाली है। सचिन ने कहा कि ऐसे हालात में मुझे उम्मद है कि राज्य सरकार और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी जल्द ही मेघवाल की जगह किसी दलित मंत्री को कैबिनेट में जगह देगी।
गहलोत और डोटसरा का न आना रहा चर्चा में
इस कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसरा को भी पहुंचना था। लेकिन इन दोनों का नहीं आना चर्चा का विषय बना रहा। इस बात को लेकर इसलिए भी चर्चा अधिक हुई क्योंकि इस कार्यक्रम का आयोजन दलित नेता स्थानीय कांग्रेस विधायक वेदप्रकाश सोलंकी द्वारा की गई थी और वह सचिन पायलट खेमे के माने जाते हैं। हालांकि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने दोनों के कार्यक्रम में न शामिल होने पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं को यहां आना था। लेकिन अलग-अलग वजहों से दोनों यहां पहुंच नहीं पाए। उन्होंने कहा कि मुझे पता है हमारी पार्टी और सरकार दलितों के कल्याण और बेहतरी के लिए काम कर रही है।