राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू के गंभीर मरीज बढ़ रहे हैं। इसका असर प्लेटलेट्स की मांग पर भी पड़ा है। दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों के ब्लड बैंकों में सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) की मांग डेढ़ से दो गुना तक बढ़ गई है। निजी अस्पतालों में भी यही हाल है। छोटे नर्सिंग होम या अस्पतालों में जम्बो पैक की मांग बढ़ने से मरीजों के परिजन परेशान हो रहे हैं। उन्हें प्लेटलेट्स के लिए कई अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
एम्स में रोज 20 से 25 एसडीपी दान हो रहे
राजधानी में तेजी से बढ़ रहे डेंगू के मामलों के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की मांग डेढ़ से दो गुना तक बढ़ गई है। डेंगू के सीजन से पहले यहां रोजाना 12 से 14 सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) दान कर मरीजों के लिए दिए जाते थे। इनमें अधिकतर मरीज हेमेटोलॉजी विभाग या कैंसर से पीड़ित होते थे जिन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती थी। सूत्रों के अनुसार, अब पिछले 10 दिनों में रोज 20 से 25 सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) दान किए जा रहे हैं। इनमें आधी मांग डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए है।
यहां भी डोनर की मांग बढ़ी
इसी तरह सफदरजंग अस्पताल के ब्लड बैंक में रोजाना आठ से नौ सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) दान किए जाते थे, लेकिन यह मांग अब बढ़कर 14 से 16 डोनर की हो गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के ब्लड बैंक में पहले सात से आठ सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) दान किए जाते थे। यहां पर यह संख्या अब बढ़कर 12 से 15 हो गई है।