दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में डेंगू कहर बरपा रहा है। कई जगह तो इस बीमारी ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अबकी बार डेंगू इसलिए भी ज्यादा मारक है क्योंकि मरीज की प्लेटलेट्स दो से तीन दिन में ही काफी गिर जा रही है। पहले करीब छह से सात दिन में ऐसा होता था। इसके अलावा इस बार डेंगू बच्चों को भी ज्यादा चपेट में ले रहा है। बच्चों में तेज बुखार के साथ-साथ उल्टी, पेट में दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं। ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक कमजोरी बनी रह रही है। एनसीआर के विभिन्न शहरों के हालात पर हिन्दुस्तान की रिपोर्ट…
दिल्ली नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 16 दिनों में (1 अक्तूबर से 16 अक्तूबर तक) ही डेंगू के 382 मामले सामने आ चुके हैं। यह संख्या पिछले साल पूरे अक्तूबर माह में आए डेंगू के मामलों से भी अधिक हैं। पिछले साल अक्तूबर में डेंगू के 346 डेंगू मरीज मिले थे। ज्ञात हो कि हाल ही में राजधानी में डेंगू से मौत का पहला मामला सामने आया था। डेंगू से एक 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी। सरिता विहार मेट्रो कॉलोनी निवासी ममता को 20 सितंबर को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छह दिन बाद महिला की मौत हो गई थी।
मरीजों को नहीं मिल रहे बेड, जमीन पर लेटने को मजबूर
राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू और वायरल बुखार के मरीज तेजी से बढ़े हैं। हालात यह है कि मेडिसिन विभाग के वार्ड में इन मरीजों को बेड तक नहीं मिल पा रहे हैं। किसी जगह एक बेड पर दो से तीन मरीज भर्ती हैं तो कहीं बेड खाली न होने की वजह से मरीज जमीन पर इलाज कराने को मजबूर हैं।
रोज 100 के करीब मरीज आ रहे
सफदरजंग अस्पताल- दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के मेडिसिन वार्ड का बुरा हाल है। यहां रोज डेंगू और डेंगू के लक्षण वाले 80 से 100 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। ऐसे में यहां भर्ती सभी मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है। मेडिसिन के वार्ड 11 में जमीन पर पड़े मरीज मिल जाएंगे। इन मरीजों को ग्लूकोज और अन्य दवाएं आईवी के जरिए जमीन पर ही स्टैंड से बोतल लटकाकर दी जा रही हैं। नर्स भी ब्लड सैंपल से लेकर तापमान जांच के काम जमीन पर ही कर रही हैं। डॉक्टर भी वहीं इलाज कर रहे हैं। यह हाल तब है जब इस अस्पताल में डेंगू और वायरल फीवर के मरीजों के लिए कुल 110 बेड आरक्षित किए गए हैं।
45 बेड पर लगभग 150 पीड़ित
अंबेडकर अस्पताल- दिल्ली के रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में भी डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी है। डॉक्टरों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक यहां 45 बेड के एक वार्ड में करीब 150 मरीज भर्ती हैं। इन मरीजों में आधे मरीज ऐसे हैं जिन्हें डेंगू की पुष्टि हो चुकी है या फिर डेंगू के लक्षण हैं। लक्षणों के आधार पर सभी का इलाज किया जा रहा है। यहां एक बेड पर दो या इससे अधिक मरीज भर्ती हैं। बचे हुए मरीज जमीन पर लेटे हैं और वहीं उनका इलाज किया जा रहा है।
यहां भी स्थिति चिंताजनक
– हिंदूराव अस्पताल में एक बेड पर तीन मरीज इलाज कराते नजर आए। एक डॉक्टर ने बताया कि बुखार और डेंगू के 100 से अधिक मरीज रोज आ रहे हैं। निगम के अनुसार अस्पताल में 145 बेड डेंगू और बुखार के मरीजों के लिए आरक्षित हैं।
– दिल्ली के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में भी सात मरीज भर्ती हैं। इनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं।
– स्वामी दयानंद अस्पताल में डेंगू के कुल 72 मरीज भर्ती हैं। यहां भी मरीजों के लिए सिर्फ 40 बेड आरक्षित हैं। ऐसे में एक बेड पर दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
– दिल्ली के निजी क्षेत्र के आकाश अस्पताल में भी हर रोज डेंगू के 10 मरीज आ रहे हैं।
– लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुरेश कुमार के मुताबिक पिछले चार दिनों में ही उनके अस्पताल में डेंगू के 19 मरीज भर्ती हुए हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर
एम्स मेडिसिन विभाग के डॉक्टर नवल विक्रम ने कहा, ‘इस बार ज्यादा बारिश की वजह से डेंगू के मामले बढ़े हैं। एम्स मेडिसिन विभाग के वार्ड में आने वाले आधे मरीज ऐसे हैं जो डेंगू से पीड़ित हैं। मरीज लगातार तरल पदार्थ लेते रहें। डिहाइड्रेशन की वजह से मरीज को ज्यादा नुकसान का खतरा है।’
द्वारका आकाश अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर राकेश पंडित ने कहा, ‘डेंगू के मरीजों में 18 से 30 साल के युवक-युवतियों की संख्या अधिक है। अगर तीन से चार दिन तक उल्टी, तेज बुखार और चक्कर आ रहे हैं तो इसे नजरंदाज न करें। प्लेटलेट्स कम होने के मामले भी डेंगू में दिख रहे हैं। ऐसे अधिकतर मामलों में डेंगू के पांचवें दिन के बाद प्लेटलेट्स गिरने शुरू होते हैं।’
द्वारका आकाश अस्पताल के बाल रोग विभाग में डॉक्टर मीना जे ने कहा, ‘बच्चों में इस बार लक्षण थोड़े ज्यादा गंभीर दिखाई दे रहे हैं। डेंगू से पीड़ित बच्चों में तेज बुखार के साथ पेट दर्द भी लक्षणों में शामिल है।’
यहां डेंगू, वायरल बुखार के मरीजों के लिए इतने बेड
लोकनायक अस्पताल 60 बेड
सफदरजंग अस्पताल 110 बेड
हिंदूराव अस्पताल 145 बेड
स्वामी दयानंद अस्पताल 40 बेड