वैज्ञानिकों ने एक खास हेलमेट विकसित किया है। यह डिमेंशिया (मनोभ्रंश) के इलाज में मददगार साबित हो सकता है। इस हेलमेट में इंफ्रारेट लाइट है और यह मस्तिष्क के हिस्से में इस लाइट को भेजता है। कनाडा के डरहम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा हेलमेंट उपकरण तैयार किया है, जो सिर के माध्यम से सीधे मस्तिष्क में प्रकाश भेजता है।
स्वस्थ वयस्कों पर किया गया परीक्षणः
परीक्षण में देखा गया कि दिनभर में दो बार छह मिनट के लिए हेलमेट बनने से याददाश्त में सुधार होता है, मोटर फंक्शन और मस्तिष्क कौशल दुरुस्त होता है। हालांकि फिलहाल हेलमेट का परीक्षण स्वस्थ वयस्कों पर किया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर परिणाम डिमेंशिया वाले लोगों में भी एक समान आए तो इस लाइलाज बीमारी के खिलाफ लड़ाई में यह हेलमेट ‘गेम-चेंजर’ साबित हो सकता है। ब्रिटेन में 850,000 लोग डिमेंशिया से प्रभावित हैं।
14 प्रतिभागियों पर हुआ अध्ययनः
इस हेलमेट की कीमत 7,250 पाउंड (5,43,853.68 रुपए) है। यह ‘फोटो बायोमॉड्यूलेशन’ नामक एक प्रक्रिया के जरिए काम करता है, जहां इंफ्रारेड लाइट को सीधे मस्तिष्क में गहराई तक भेजा जाता है। हेलमेट को डॉ गॉर्डन डौगल द्वारा तैयार किया गया है, जिन्होंने ट्रांसक्रैनियल फोटोबायोमोड्यूलेशन थेरेपी (पीबीएम-टी) का परीक्षण करने के लिए वैज्ञानिकों के साथ काम किया। अध्ययन में 45 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 14 स्वस्थ प्रतिभागियों को एक महीने तक दिन में दो बार छह मिनट के लिए हेलमेट पहनाया गया।
1068 नैनोमीटर की तरंग दैर्ध्य से उन प्रतिभागियों के मस्तिष्क में इंफ्रारेड लाइट डाली गई। शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के मोटर फंक्शन, याददाश्त और मस्तिष्क प्रक्रिया स्पीड में निश्चित सुधार देखा। शोधकर्ताओं ने कहा कि याददाश्त में तेजी से सुधार से पता चला है कि इन्फ्रारेड लाइट से उपचार, डिमेंशिया रोगियों के लिए ‘गेम-चेंजिंग थेरेपी’ साबित हो सकती है।