कांग्रेस पार्टी पर हमेशा परिवारवाद, वंशवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। फिर वह केंद्र हो या राज्य की सत्ता, कांग्रेस अध्यक्ष पद पर किसी गैर-गांधी का न चुना जाना, कांग्रेस शासित राज्यों में मुख्यमंत्रियों या वरिष्ठ नेताओं के बेटों का आगे बढ़ना, ऐसे कई तमाम मुद्दे हैं जिनकी वजह से परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप पार्टी पर लगता रहा है। हालांकि, कांग्रेस को शायद अब इसकी आदत भी हो गई है। इसीलिए यूपी जैसे अहम राज्य, जिसकी वजह से गांधी परिवार संसद में मौजूद है, वहां चुनावी घोषणाएं करते हुए प्रियंका गांधी ने कुछ ऐसा कह दिया जो हैरान करने वाला था। दरअसल, प्रियंका मंगलवार को लखनऊ पहुंची और यहां उन्होंने बड़ा दांव खेलते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने का ऐलान किया लेकिन जब उनसे पूछा गया कि महिला प्रतिनिधि के नाम पर लोग अपनी बीवी-बेटियों को चुनाव लड़वाते हैं तो प्रियंका ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
प्रियंका से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल किया गया कि महिला प्रतिनिधि के नाम पर परिवार की महिला को लड़ाया जाता है। इसे कैसे रोकेंगी? प्रियंका ने इसके जवाब में कहा, इसमें कोई बुराई नहीं है, लड़ने के बाद महिलाएं सक्षम हो जाती हैं।
प्रियंका से यह भी पूछा गया कि कांग्रेस सिर्फ 40 प्रतिशत टिकट ही महिलाओं को क्यों दे रही है, 33 या 50 प्रतिशत क्यों नहीं? इसपर उन्होंने बताया कि अगले चुनाव में यह आंकड़ा 50 फीसदी भी हो सकता है। एक सवाल के जवाब में प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस महिलाओं को टिकट मेरिट के हिसाब से देगी। वे कितना काम कर रही हैं। क्षेत्र में कितने लोग उन्हें जानते हैं, ये सब आधार बनेगा। प्रियंका ने महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि आपके हक की लड़ाई लड़ने के लिए कोई और नहीं आएगा। आपको ही आगे आना होगा।
बता दें कि प्रियंका गांधी ने यूपी चुनाव के लिए कांग्रेस का नया नारा ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ भी दिया है। प्रियंका ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हुई अपराध की कुछ घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ये निर्णय ऐसी महिलाओं और लड़कियों के लिए है। प्रियंका ने विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही महिलाओं-लड़कियों से राजनीति में आने और अपने हक की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया। प्रियंका गांधी ने कहा कि देश भर की महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए एकजुट होना पड़ेगा। जब कोई महिला अपने अधिकारों की लड़ाई लड़े तो सवाल उठाने की बजाए उसके साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी प्रतिज्ञा है कि यूपी की राजनीति में महिलाओं की पूरी भागदारी हो।