सचिवालय और परिवहन विभाग में क्लर्क और अन्य पदों पर नौकरी दिलाने का वादा करके दस युवकों से 62 लाख रुपये हड़प लिए गए। आरोप है कि युवकों का इंटरव्यू सचिवालय में लिया गया और घूस की रकम विधानसभा परिसर में ली गई। सभी युवकों का मेडिकल दून अस्पताल में कराया गया। युवकों की शिकायत पर पटेलनगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। नौकरी के नाम पर ठगी के शिकार सभी युवक यूपी के मुजफ्फरनगर और हरियाणा के रहने वाले हैं। युवकों के मुताबिक उनके साथ ठगी 2019-20 में की गई।
युवक भी कम दोषी नहीं : हालांकि, युवकों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है पर इस मामले में घूस के जरिए नौकरी पाने की प्रयास करने वाले युवक भी कम दोषी नहीं हैं। उन्होंने नौकरी को लेकर किसी तरह की पड़ताल करने के बजाय सीधे घूस की रकम देकर नौकरी का सौदा कर लिया। इस मामले के आरोपियों पर तो अभी अपराध सिद्ध होना है। लेकिन ठगी के शिकार युवकों पर घूस देने का मामला तो साबित हो चुका है।
सचिवालय का पास बनाकर लिया गया इंटरव्यू
पीड़ित मनीष कुमार के मुताबिक, नौकरी की डील तय होने पर कुछ युवकों को 15 मई 2019 को सचिवालय में बुलाया गया। गेट पर चेतन पांडे और कमल पांडे मिले। उन्होंने उनका पास बनवाया। इसके बाद सचिवालय में एक कमरे में ले गए। वहां ललित बिष्ट ने उनका इंटरव्यू लिया। चार जून 2020 को सचिवालय में बुलाकर चेतन पांडे से बात कराकर ललित बिष्ट ने उन्हें नियुक्ति पत्र दिए।
वहीं, पीड़ितों ने कमल पांडे के खाते में साढ़े तीन लाख रुपये जमा किए। 40 लाख रुपये आईएसबीटी के पास चेतन पांडे, कमल, मनोज नेगी और ललित बिष्ट को नगद दिए गए। बाकी रकम आरोपियों ने पीड़ितों को विधानसभा परिसर में बुलाकर ली। आरोपी राजस्थान नंबर की कार से आईएसबीटी के पास मिले थे।
शिकायत पर एसपी क्राइम से प्राथमिक जांच करने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। साक्ष्य जुटकार आरोपों की जांच की जाएगी। जो भी ठगी में शामिल होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
जन्मेजय खंडूड़ी (डीआईजी), एसएसपी देहरादून