हमारी पीठ कितना कुछ सहती है। सुबह उठने से लेकर रात को बिस्तर पर आने तक, कभी उठना, कभी घूमना, एक्सरसाइज करना, सीढ़ियां चढ़ना, झुकना और भी बहुत कुछ। यानी हमारी पूरी दिनचर्या हमारी पीठ यानी रीढ़ की हड्डी पर ही टिकी है। इसके बावजूद हम सबसे ज्यादा नजरंदाज इसे ही करते हैं। दौड़ते-भागते हम यह भूल ही जाते हैं कि जाने-अनजाने हम अपनी पीठ को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं।
और जब वह मदद के लिए पुकारती है, तो बस कोई भी बाम लगाकर फिर से काम पर लग जाते हैं। जबकि कभी-कभार होने वाले ये दर्द हमें संकेत देते हैं कि आप अपनी स्पाइन के प्रति लापरवाह हैं। इस वर्ल्ड स्पाइन डे पर आपको अपनी उन बुरी आदतों के बारे में जानना चाहिए, जो आपकी स्पाइन को नु्कसान पहुंचा रही हैं।
दुनिया भर में अनुमानित एक अरब लोग रीढ़ की हड्डी में दर्द से पीड़ित हैं। यह जीवन भर लोगों को प्रभावित करता है और विकलांगता का सबसे बड़ा कारण है। इसलिए इसकी रोकथाम महत्वपूर्ण है।
प्रत्येक वर्ष 16 अक्टूबर को आयोजित होने वाला विश्व रीढ़ दिवस (World Spine Day) दुनिया भर में रीढ़ की हड्डी में दर्द और विकलांगता के बोझ पर प्रकाश डालता है। दुनिया भर में चिकित्सक, व्यायाम विशेषज्ञ, सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, स्कूली बच्चों और रोगियों के साथ यह दिन मनाया जाता हैं।
वर्ल्ड स्पाइन डे रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य और कल्याण के महत्व पर प्रकाश डालता है। लोगों को अपनी रीढ़ की देखभाल और सक्रिय रहने के लिए प्रोत्साहित किए जाने से शारीरिक गतिविधि, अच्छी मुद्रा और स्वस्थ काम करने को बढ़ावा मिलेगा।