राज्य सरकार ने प्रदेश में पटाखों पर बैन के मामले मे यू टर्न लिया है। यहां एनसीआर क्षेत्र को छोड़कर अन्य जिलों में दीपावली पर दो घंटे रात 8 से 10 बजे तक के लिए ग्रीन पटाखों को चलाने की अनुमति प्रदान की है।
गृह विभाग की ओर से जारी आदेशों में क्रिसमस और नववर्ष पर रात्रि 11.55 से रात्रि 12.30 बजे, गुरू पर्व पर रात्रि 8 से रात्रि 10 बजे तक तथा छठ पर्व पर सुबह 6 से सुबह 8 बजे तक ग्रीन पटाखा चलाने की अनुमति होगी। अन्य त्योहारों पर आतिशबाजी के संबंध में गृह विभाग अलग से दिशा-निर्देश जारी करेगा।
आदेश में कहा गया है जिस शहर में एयर क्वालिटी पूअर या उससे ख़राब है, वहाँ पर उस दिन आतिशबाज़ी पर रोक रहेगी। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए गृह विभाग ने अधिकतम छूट देते हुए ग्रीन पटाखों को चलाने की अनुमति प्रदान की है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले प्रदूषण और कोरोना मरीजों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए राज्य में पटाखे चलाने और बेचने पर पाबंदी लगा दी गई थी।
केन्द्र सरकार की एजेंसी देती है प्रमाण पत्र
ग्रीन पटाखों का प्रमाणन केंद्र सरकार की एजेंसी सीएसआईआर-नीरी के द्वारा किया जाता है। राज्य में 12 पटाखा उत्पादकों को यह प्रमाण-पत्र दिया जा चुका है। इन उत्पादकों को पीईएसओ से पटाखा बनाने के लिए लाइसेंस भी लेना होता है। राज्य के 9 उत्पादकों के पास पीईएसओ से लाइसेंस प्राप्त है।
ऐसे होती है पहचान
ग्रीन पटाखों से प्रदूषण अन्य सामान्य पटाखों की तुलना में कम होता है। अन्य पटाखों से ग्रीन श्रेणी में आने वाले पटाखों के लिए उत्पादक को एक सर्टिफिकेट नीरी द्वारा दिया जाता है। पटाखों के डिब्बों पर नीरी का हरे रंग का लोगो और क्यू आर कोड होता है, जिसे स्केन कर ग्रीन पटाखों की पहचान की जा सकती है।