उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के पीतमपुरा स्थित एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान एक नवजात बच्चे की मौत होने से नाराज मरीज के परिवार ने तीन डॉक्टरों पर कथित रूप से हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि मरीज के परिजन ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हुई। मरीज के परिजन को बाद में हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने बताया कि बाद में पोस्टमॉर्टम के लिए शिशु का शव बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल भेजा गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि जांच के दौरान पता चला कि रानी बाग निवासी 26 वर्षीय एक गर्भवती महिला को मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि कुछ जटिलताओं के कारण डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन किया और इसके बावजूद शिशु मृत पैदा हुआ।
अधिकारी ने बताया कि इससे नाराज महिला के परिजनों ने डॉक्टरों से झगड़ा किया और उनसे मारपीट की। उन्होंने शिशु की मौत के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया। घटना की सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि लोगों का एक समूह एक डॉक्टरों के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहा है और उससे मारपीट कर रहा है।
उन्होंने बताया कि एक डॉक्टर ने डॉक्टरों से मारपीट करने और अस्पताल को नुकसान पहुंचाने को लेकर मरीज के परिवार के सदस्यों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि तीनों डॉक्टरों की एमएलसी (मेडिको-लीगर केस) रिपोर्ट में पाया गया है कि उन्हें लगी चोट गंभीर नहीं हैं।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) ऊषा रंगनानी ने बताया कि डॉक्टर की शिकायत और एमएलसी के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 34 (सामान्य आशय को आगे बढ़ाने के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ दिल्ली चिकित्सा देखभाल सेवा कार्मिक और चिकित्सा सेवा संस्थान (हिंसा और संपत्ति की क्षति की रोकथाम) अधिनियम, 2008 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।