उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर तो कम हो गया मगर डेंगू, मलेरिया सहित कई दूसरी बीमारियां लगातार पांव पसार रही हैं। तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद हर रोज सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के हिसाब से ही अब तक प्रदेश में साढ़े बारह हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। जबकि सरकारी आंकड़ों में सात मौत दर्ज हैं। हालांकि असल आंकड़े इससे कहीं अधिक हैं। विभाग ने इससे निपटने को हर रविवार-मच्छर पर वार, का नारा एक बार फिर बुलंद किया है।
जहां तक डेंगू का सवाल है तो बीते दिनों में इसने फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, मैनपुरी सहित कई जिलों में ज्यादा असर देखने को मिला। शुरुआती दौर में होने वाली मौतों को लेकर संशय की स्थिति बनी रही। कुछ लोगों ने इसे रहस्यमय बुखार का भी नाम दिया। हालांकि बाद में डेंगू सहित कई अन्य बीमारियों के नाम सामने आए। डेंगू और मलेरिया के मरीजों की बात करें तो बुखार के साथ शरीर लाल होने सहित कई अन्य लक्षण सामने आ रहे हैं। प्लेटलेट्स भी बहुत तेजी से कम हो रही हैं। यह जरूर है कि अब लोगों की जागरूकता के चलते निजी अस्पतालों में जरूरत न होने पर भी प्लेटलेट्स चढ़ाने का खेल नहीं चल पा रहा। डेंगू के मामले लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न इलाकों में मिल रहे हैं।
वहीं मलेरिया के मामले भी सोनभद्र, मिर्जापुर, बदायूं, सीतापुर, बरेली, मुरादाबाद सहित कई जिलों में सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्विलांस के काम को तेज किया गया है। निदेशक संचारी रोग डॉ. जीएस वाजपेयी का कहना है कि डेंगू अब काफी हद तक नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि हर रविवार लोग 10 मिनट मच्छरों के खात्मे के लिए जरूर निकालें। घर के अंदर या आसपास कहीं पानी जमा ना होने दें।