मध्य प्रदेश में खाद संकट की स्थिति है लेकिन मंत्री और अफसर मानने को तैयार नहीं हैं। संकट की इस स्थिति से ग्वालियर-चंबल संभाग किस कदर जूझ रहा है, वहां सोसायटियों में लगी लाइन में खड़े किसानों की मारा-मारी व उन पर बरसाई जाने वाली लाठियों के दृश्य इसके साक्षी हैं। मगर दूसरी तरफ सोसायटियों के गोदाम से खाद चोरी होने की घटनाएं बढ़ रही हैं लेकिन आश्चर्यजनक यह है निजी गोदामों में बड़ा स्टॉक भी हो रहा है। चोरी व स्टॉक के मामलों में सरकारी अमले व व्यापारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है।
खाद संकट का फायदा भिंड में व्यापारियों ने उठाना शुरू कर दिया है। यहां सोसायटियों के गोदामों से खाद की बोरियां चोरी होने की घटनाएं सामने आने लगी हैं। भिंड के एक टीआई डीबीएस तोमर ने बताया कि एक सोसायटी के गोदाम से खाद की बोरियां चोरी होने की शिकायत आई हैं। दूसरी तरफ भिंड में ही गोरमी में पुलिस को एक निजी गोदाम से खाद की करीब सवा सौ बोरियां मिली हैं। यह गोदाम संजय जैन नाम के व्यापारी का है। यहां से रात को लगभग 200 बोरियां बेचे जाने का भी दावा किया जा रहा है।
किसानों पर लाठियां बरसीं
किसान खाद के लिए परेशान है और जहां भी खाद पहुंचने की सूुचना मिलती है तो भीड़ वहां उमड़ पड़ती है। मुरैना एक वीडियो वायरल हुआ है जहां एक सोसायटी में खाद लेने के लिए किसानों की भीड़ टूट पड़ी। लाइन में ये किसान खड़े थे और वीडियो में दिखाई दे रहा है कि पुलिस उन पर लाठियां बरसाकर भी़ड को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है।
सवा लाख मीट्रिक टन खाद की कमी
मध्य प्रदेश में ग्वालियर-चंबल में सरसों के लिए किसान बोवनी कर रहा है और कुछ समय के बाद प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में किसान बोवनी करेंगे। इसके लिए डीएपी की कमी सामने आ रही है। डीएपी की चार लाख मीट्रिक टन की मांग है लेकिन कृषि संचालनालय के अधिकारियों की मानें तो प्रदेश अभी केवल दो लाख मीट्रिक टन का स्टाक है। 15 साल से खाद का मैनेजमेंट देख रहे डिप्टी डायरेक्टर जीएस चौहान का कहना है कि 75 हजार मीट्रिक टन का डीएपी केंद्र से आने की उम्मीद है। मगर वे इस पर चुप्पी साध गएकि करीब सवा लाख मीट्रिक टन डीएपी मध्य प्रदेश को मिलने की कोई उम्मीद है या नहीं। खाद संकट को लेकर कृषि मंत्री कमल पटेल भी कह चुके हैं कि खाद की कोई कमी नहीं है।