दिल्ली में साइबर ठगी के शिकार हुए 55 सौ लोगों ने 15 मिनट से पहले ही मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को दी। शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आई और कार्रवाई करते हुए पीड़ितों के ढाई करोड़ रुपये ठगों से बचा लिए। यह ढाई करोड़ रुपये वह हैं, जो आरोपियों ने पीड़ितों के बैंक अकाउंट से निकाल कर अपने व किराये पर लिए गए अकाउंटों में डाले थे। अब पुलिस इन पैसों को पीड़ितों तक पहुंचे का काम कर रही है। आरोपियों के यह अकाउंट बिहार, बंगाल और झारखंड सहित छह राज्यों में चल रहे हैं। दिल्ली पुलिस सभी बैंक अधिकारियों के सम्पर्क में हैं।
छह माह में आई 55 सौ शिकायतें
दिल्ली पुलिस के पास पिछले छह माह में 55 सौ लोगों ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत की है। पुलिस ने लगभग 75 प्रतिशत मामलों में शिकायत मिलते ही पीड़ितों के पैसे रुकवाने की कोशिश की। ज्यादातर मामलों में पुलिस ने हरियाणा, बिहार और झारखंड से आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में वह लोग शामिल थे, जिन्होने अपना अकाउंट आरोपियों को किराये पर दिया था।
15 मिनट में करें शिकायत
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति साइबर ठगों का शिकार बन जाता है तो उसे तुंरत दिल्ली पुलिस द्वारा जारी किए गए नम्बर 155260 पर शिकायत करनी चाहिए। अगर कोई भी व्यक्ति ठगी के पहले 15 मिनट में शिकायत करता है, तो पुलिस तुंरत कार्रवाई करते हुए पीड़ित द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार संबंधित बैंकों के अधिकारियों को सम्पर्क कर ठगी की रकम को उस बैंक या फिर उस ई-वॉलेट में पैसे रुकवा देती है। जिसके बाद यह पैसे पीड़ितों के अकाउंट में वापस ट्रांसफर कर दिए जाते हैं।
कैसे मिलते हैं वापस पैसे
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों के पैसे बैंकों में सीज कराने के बाद अधिकारियों से सम्पर्क कर जांच से संबंधित और पीड़िता द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज देने के बाद वापस पीड़ितों के अकांउट में भेज दिए जाते हैं, लेकिन कई बार दूसरे राज्यों में बैंक होने के चलते बैंक अधिकारी कोर्ट के ऑर्डर से पैसे जारी करते हैं, जिसमें पीड़ितों को पैसे मिलने में कुछ समय भी लग जाता है।