कानपुर के रियल स्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में निलम्बित और फरार चल रहे दरोगा अक्षय मिश्रा के घर गोरखपुर एसआईटी टीम ने छापा मारा। इस दौरान दरोगा के बड़े पुत्र को टीम अपने साथ पूछताछ के लिए ले गई।
गोरखपुर में तैनात अक्षय मिश्रा व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में सस्पेंड चल रहे हैं। इंस्पेक्टर के साथ तत्कालीन चौकी इंचार्ज रहे अक्षय मिश्रा के खिलाफ भी नामजद मुकदमा दर्ज है और वह काफी दिनों से फररा चल रहे हैं। शुक्रवार की सुबह करीब दस बजे एसआईटी की टीम अक्षय मिश्रा के आवास विकास कालोनी स्थित आवास पर पहुंची। आसपास के लोगों ने बताया कि पहले दरोगा के मकान का टीम ने वीडियो बनाया। इसके बाद घर में गए और दरोगा के पुत्र विक्की मिश्रा को अपने साथ ले गए।
इसे लेकर दरोगा अक्षय मिश्रा के छोटे पुत्र सौरभ मिश्रा ने बताया कि उनके बड़े भाई को टीम ले गई है। टीम में शामिल सादे ड्रेस में आए अधिकारियों ने अपने आप को गोरखपुर एसआईटी का सदस्य बताया और कहा कि पूछताछ के लिए विक्की मिश्रा को ले जा रहे हैं। सौरभ मिश्रा ने बताया वह और उसके बड़े भाई साफ्टवेयर इंजीनियर हैं और निजी कम्पनी में काम करते हैं। सौरभ ने कहा कि उसके पिता निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है। चार दिनों से पिता से कोई सम्पर्क न होने की बात कहते हुए सौरभ ने कहा कि मम्मी की तबियत इस घटना को लेकर खराब है और पापा से भी सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।
इससे पहले मनीष गुप्ता मर्डर केस में निलंबित और फरार चल रहे गोरखपुर के रामगढ़ ताल थाने के सभी छह पुलिसकर्मियों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है। एसआईटी मेंबर तथा डीसीपी साउथ रवीना त्यागी ने बताया कि इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह निवासी थाना मुसाफिरखाना जनपद अमेठी, एसआई अक्षय कुमार मिश्रा निवासी थाना नरही जनपद बलिया, उपनिरीक्षक विजय यादव निवासी थाना बक्सा जनपद जौनपुर, उपनिरीक्षक राहुल दुबे निवासी थाना कोतवाली देहात जनपद मिर्जापुर, मुख्य आरक्षी कमलेश सिंह यादव निवासी थाना परिसर जनपद गाजीपुर, आरक्षी नागरिक पुलिस प्रशांत कुमार निवासी थाना सैदपुर जनपद गाजीपुर फरार है और इनकी गिरफ्तारी पर इनाम घोषित किया गया है।
एसआईटी की जांच के दायरे में आए सभी पुलिसवालों को नोटिस
इससे पहले कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या में आरोपित बनाए गए छह पुलिसवालों के अलावा होटल, थाना, मानसी हास्पिटल, मेडिकल कालेज में रहे पुलिसवालों के भी बयान दर्ज किए जा रहे हैं। एसआईटी ने इसके लिए नोटिस जारी किया है। नोटिस तामलील होने के बाद ये पुलिसवाले एक-एक कर एसआईटी के समक्ष अपना बयान दर्ज करा रहे हैं। उधर, इनाम घोषित होने से पहले इंस्पेक्टर सहित फरार छह पुलिस कर्मियों की तलाश तेज हो गई है। गोरखपुर क्राइम ब्रांच की टीम व कानपुर की टीम आरोपितों की तलाश में दबिश डाल रही है। आरोपित कोर्ट में सरेंडर न करने पाएं, इसके लिए कोर्ट परिसर में भी निगरानी बढ़ा दी गई है।